Fourth class worker denied promotion, related department is deferring

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गोंदिया. जिप के स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत क्षेत्रिय स्तर पर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों की 6 वर्षों से जीपीएफ व डीसीपीएस की रकम कहां गई? यह सवाल स्वास्थ्य कर्मचारियों ने किया है.

खाते में जमा नहीं हुई राशि
जिला स्वास्थ्य अधिकारी व सहायक प्रशासन अधिकारी की उदासीनता से पिछले 4 वर्षों से स्वास्थ्य सेवक व सेविका पदोन्नति की प्रतीक्षा में है. जिला स्वास्थ्य विभाग में काम कर सेवानिवृत्त हुए क्षेत्रिय स्वास्थ्य कर्मचारियों के पिछले दो वर्षों से क्लेम नहीं निकले है. जीपीएफ व डीसीपीएस की रकम 2014 से कर्मचारियों के खातों में जमा नहीं हुई है. यह रकम आखिर कहां चली गई है,यह  सवाल जिले के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने पूछा है. 

सैनिटाइजर व मास्क नहीं दिए
स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन ने आरोप लगाया कि जिले में कोरोना का संक्रमण होने से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी जान हथेली पर रखकर कोरोना से संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन जिला स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारियों  की समस्या की ओर दुर्लक्ष कर रहे हैं. कोविड-19  महामारी में स्वास्थ्य कर्मचारी मार्गदर्शक सूचना अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर काम कर रहे हैं. इन कर्मचारियों को भी सुरक्षा की दृष्टि से सामग्री नहीं  दी गई है. सैनिटाइजर, मास्क आदि अब तक नहीं दिए गए. कोरोना संक्रमण काल में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों के बीमा के आवेदन भरने शासन से निर्देश मिले है. जबकि जिला स्वास्थ्य अधिकारी व आस्थापना प्रशासन अधिकारी के माध्यम से कोई कार्रवाई नहीं की गई.

समय पर नहीं मिल रहा वेतन
इन कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है. हमेशा 20 दिन विलंब से वेतन मिलता है. अप्रैल माह के वेतन मई के प्रथम सप्ताह में करने संबंधी शासन निर्णय है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग अनदेखी कर रहा है. वहीं मई माह का वेतन जून की 18 तारीख तक नहीं किया गया है. स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों ने कर्मचारियों की समस्याओं का निवारण करने के लिए 2 बार ज्ञापन सौंपा है. इस ओर वरिष्ठ अधिकारियों को ध्यान देकर समस्याओं का हल निकालने की मांग की गई.