303 forest cases pending in the district, nobody is worried about tribals

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    गोंदिया. लाकडाउन के दौरान लाखों आदिवासी परिवारों पर आर्थिक संकट गहरा गया. राज्य सरकार ने वर्ष 2020 में कोरोना काल में खावटी योजना के तहत लाभार्थियों को 4 हजार रु. उनके बैंक खातों में जमा किया जाए इस तरह का निर्णय अप्रैल 2020 में ही लेकर सर्वे किया गया था. लेकिन अब तक किसी को कुछ नहीं मिला. राज्य में कोरोना कहर के चलते फिर से लाकडाउन लागू कर आदिवासियों को 2,000 रु. देने की घोषणा की गई है. कहा जा रहा है कि सरकार फिर से आश्वासन देने का काम कर रही है. योजना का लाभ मिलेगा या नहीं यह संभ्रम भी आदिवासी लाभार्थियों में है.

    2,000 रु. अनुदान देने की हुई घोषणा

    बताया गया कि वर्ष 2020 के मार्च माह के अंतिम सप्ताह से संपूर्ण देश में लाकडाउन घोषित किया गया था. लाखों परिवार बेरोजगार हो गए ऐसे में राज्य शासन ने जरूरतमंद आदिवासी लाभार्थियों के लिए खावटी योजना के तहत अनुदान के रूप में 2 हजार रु. का अनाज व नगद राशि 2 हजार रु. का अनाज व नगद राशि 2 हजार रु. देने की घोषणा की. बाद में निर्णय में कुछ बदलाव करते हुए अनाज के बजाए लाभार्थियों के बैंक खाते में सीधे 4 हजार रु. देने का निर्णय लिया गया. लाभार्थियों का सर्वे किया गया.

    लेकिन वर्ष 2021 का दूसरा लाकडाउन लग जाने के बाद भी खावटी योजना का लाभ नहीं दिया गया और फिर से राज्य शासन ने लाकडाउन के दौरान 2 हजार रु. देने की घोषणा कर दी. बताया गया है कि आदिवासी विकास विभाग की खावटी योजना का लाभ ले रहे 12 लाख आदिवासी परिवारों को प्रति परिवार 2 हजार रु. आर्थिक सहायता दी जाएगी लेकिन आदिवासियों में फिर से संभ्रम है कि कहीं यह योजना भी पहली योजना जैसी विफल ना हो जाए.

    प्रक्रिया शुरू

    आदिवासी प्रकल्प देवरी के एक प्रवक्ता के अनुसार जरूरतमंद आदिवासी लाभार्थियों की सूची तैयार हो चुकी है. इस योजना का लाभ जिले के लगभग 21 हजार लाभार्थियों के बैंक खातों में सरकार के निर्णय के तहत 2 हजार रु. की राशि जमा की जाएगी, जिसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.