अहमदाबाद. गुजरात उच्च न्यायालय ने अहमदाबाद में जगन्नाथ रथ यात्रा नहीं निकालने के अपने पूर्व के आदेश में बदलाव करने से सोमवार देर रात इनकार कर दिया और यात्रा के आयोजन की अनुमति मांगने वाली राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। रथयात्रा मंगलवार को निकाली जानी है।मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जे बी पारदिलवाला ने 143वीं रथयात्रा पर रोक लगाने वाले शनिवार के आदेश में बदलाव की मांग वाली राज्य सरकार और पांच अन्य पक्षकारों की याचिका को खारिज कर दिया। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को ओडिशा के पुरी में रथयात्रा निकालने की मंजूरी दी थी और इसी को आधार बना कर गुजरात सरकार ने यह याचिका दाखिल की थी।
अदालत ने सोमवार रात 12 बजे मामले की तत्काल सुनवाई शुरू की और देर रात दो बजे अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि गुजरात और ओडिशा में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती है। अदालत ने कहा कि अहमाबाद में कोरोना वायरस संक्रमण के हालात को देखते हुए रथ यात्रा तथा अन्य यात्राएं मंदिर परिसर के अंदर ही निकाली जानी चाहिए बाहर नहीं। अदालत ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करमने के बाद यात्रा पर रोक लगाने संबंधी आदेश दिया था। जनहित याचिका में कहा गया था कि यह रथ यात्रा अहमदाबाद के कई निरुद्ध क्षेत्रों से हो कर गुजरेगी और 18 किलोमीटर लंबी यात्रा में लाखों की संख्या में लोग इसमें शामिल होंगे। इससे पहले सोमवार को अदालत ने एक एनजीओ की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें अदालत से अपने आदेश में बदलाव करने और बिना जन भागीदारी वाली कम दूरी की प्रतीकात्मक यात्रा निकालने की मंजूरी देने का अनुरोध किया गया था। उच्चतम न्यायालय द्वारा ओडिशा के पुरी में रथ यात्रा की मंजूरी दिए जाने के बाद राज्य सरकार ने सोमवार देर शाम तत्काल सुनवाई के लिए याचिका दाखिल की थी।