Love jihad

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    गांधीनगर. गुजरात विधानसभा में गुरुवार 1 अप्रैल 2021 को ‘लव जिहाद’ विरोधी बिल पारित हो गया है। अब जल्द ही राज्य में लव जिहाद के खिलाफ कानून को मंजूरी मिल जाएगी। जिसके तहत कपटपूर्ण तरीके से या जबरन धर्मांतरण कराने पर 10 साल तक की कैद की सजा हो सकती है। गौरतलब है कि इससे पहले यह कानून उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में लागू हो चुका है।

    विधेयक में कपटपूर्ण तरीके से या जबरन धर्मांतरण कराने के मामले में 10 साल तक की कैद सजा का प्रावधान है। विधेयक के माध्यम से 2003 के एक कानून को संशोधित किया गया है जिसमें बलपूर्वक या प्रलोभन देकर धर्मांतरण करने पर सजा का प्रावधान है।

    गुजरात गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने कहा, “गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2021 के अंदर संशोधन किया गया है। धर्मांतरण के लिए अपना नाम और पहचान बदलकर कई युवतियों को अपने धर्म में लिया जाता था। इसपर रोक लगाने के लिए गुजरात विधानसभा आज ये बिल लेकर आई और बहुमत से पारित किया गया।”

    संशोधन के अनुसार शादी करके या किसी की शादी कराके या शादी में मदद करके जबरन धर्मांतरण कराने पर 3 से 5 साल तक की कैद की सजा सुनाई जा सकती है और 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। यदि पीड़ित नाबालिग, महिला, दलित या आदिवासी है तो दोषी को 4 से 7 साल तक की सजा सुनाई जा सकती है और कम से कम 3 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। 

    यदि कोई संगठन कानून का उल्लंघन करता है तो प्रभारी व्यक्ति को न्यूनतम 3 वर्ष और अधिकतम 10 वर्ष तक की कैद की सजा दी जा सकती है।

    वहीं उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में न्‍यूनतम सजा 1 से 5 साल है, उसी तरह अगर महिला, नाबालिग या SC/ST का धर्म परिवर्तन हुआ हो तो दोषी को 2 से 10 साल तक की सजा हो सकती है। उधर हिमाचल प्रदेश में न्‍यूनतम सजा 1 से 5 साल है। जबकि नाबालिग या SC/ST के केस में केवल 2 से 7 साल तक की सजा हो सकती है।