-वैष्णवी वंजारी
कोरोना महामारी एक जगह न रुकते हुए आए दिन अपने नए पहलू सामने ला रही है। ब्लैक फंगस, येलो फंगस के बाद अब एस्परजिलोसिस सामने आया है। यह इन्फेक्शन भी कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में देखा जा रहा है। हालांकि, पारस अस्पताल के इएनटी डॉ.अमिताभ मालिक का कहना है कि ब्लैक फंगस की तरह ही एस्परजिलोसिस भी हमारे वातावरण में मौजूद है। यह किसी को भी हो सकता है। तो वही सीडीसी के मुताबिक, यह फंगल इन्फेक्शन उन लोगो को ज्यादा होता है जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और जिन्हें फेफड़ो की गंभीर बीमारी होती है। पिछले दिनों गुजरात के वडोदरा ,लुधियाना से एस्परजिलोसिस मामले सामने आए हैं। यह नया फंगल इन्फेक्शन कोविड से ठीक हुए मरीजों में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि हाई डोज स्टेरॉयड के कारण यह इन्फेक्शन हो रहा है।
क्या है एस्परजिलोसिस?
एस्परजिलोसिस एक फंगल इन्फेक्शन है, जो एस्परजिलस नामक कवक से होता है। यह हमारे वातावरण में हमेशा मौजूद रहता है। अमेरिकन संस्था सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, ज्यादातर लोग एस्परजिलस के बीजाणुओं को सांस के माध्यम से शरीर में लेते है। लेकिन उससे बीमार नहीं पड़ते। एस्परजिलस के कारण एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है।
जानिए एस्परजिलोसिस से किन लोगों को है जोखिम
सीडीसी के मुताबिक, इन लोगों को ज्यादा जोखिम है
- कमजोर इम्यून सिस्टम वालों को
- फेफड़ों की बीमारी से ग्रसित लोगों को
- वे मरीज जो हाई डोज़ स्टेरॉइड ले रहे हैं
एस्परजिलोसिस के लक्षण
सीडीसी के मुताबिक अलग अलग तरीके के एस्परजिलोसिस के अलग अलग लक्षण होते है।
एलर्जी ब्रोन्कोपल्मोनरी एस्परजिलोसिस के लक्षण अस्थमा के समान ही।
- बहुत कम मामलों में बुखार
- सांस फूलना
- सांस लेते समय घबराहट
- खांसी
एलर्जीक एस्पेराल साइनसाइटिस के लक्षण
- बहती नाक
- सर दर्द
- दम महसूस होना
- सूंघने की क्षमता जाना
क्रोनिक पल्मोनरी एस्परजिलोसिस के लक्षण उन लोगों में ज्यादा दिखते हैं, जिन्हें टीबी की बीमारी है
- खांसी
- वजन कम
- थकान
- सांस लेने में कठिनाई
- खांसी के साथ खून आना