Blood Donation
File Photo

    Loading

    -सीमा कुमारी

    आज भी हमारे देश में कई बार लोगों को समय पर खून न मिलने की वजह से लोगों की जान तक चली जाती है। ऐसे में एक नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए कि लोगों की जान बचाने के लिए आगे आए और अपना  ब्लड  डोनेट (Blood Donation) करे। कहते हैं कि, आपकी एक कोशिश किसी की जान बचा सकती हैं।

    ‘रक्तदान महादान’ है।  हर साल 14 जून को देशभर में ‘वर्ल्ड ब्लड डोनर डे’ (World Blood Donor Day) मनाया जाता है।  इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को ब्लड डोनेशन के लिए प्रेरित करना है। लेकिन, आज भी कई ऐसे लोग हैं जो जानकारी के अभाव में ब्लड डोनेशन करने से कतराते हैं।  वहीं कई ऐसे भी लोग भी हैं, जो जानकारी ना होने के कारण ब्लड डोनेशन के दौरान बड़ी गलतियां कर बैठते हैं।

    ऐसे में कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रख कर ब्लड डोनेशन सफल कर किसी जरूरतमंद की जान बचा सकते हैं। आइए जानें इस बारे में-

    • डॉक्टर्स के मुताबिक, रक्तदान करने वाले शख्स को भूखा नहीं रहना चाहिए। रक्तदान (blood donation) से करीब तीन घंटे पहले कुछ न कुछ जरूर खाएं। ब्लड डोनेशन से एक रात पहले कम से कम 6-8 घंटे की अच्छी नींद लें। इस प्रक्रिया के करीब 2 घंटे से पहले तक धूम्रपान नहीं करना चाहिए और करीब 24 घंटे पहले तक शरीर में एल्कोहल.नहीं होना चाहिए। 18 से 65 साल का हर वो व्यक्ति ब्लड डोनेट कर सकता है, जिसका वजन 45 किलोग्राम से ज्यादा है।
    • अगर आप रक्तदान कर चुके हैं, तो आपको एकदम से, यानी अचानक नहीं उठना चाहिए। बल्कि आपको लगभग 10 मिनट तक लेटे रहना चाहिए। खून देने के बाद डॉक्टर आपकी जांच करते हैं कि आपके शरीर में रक्त प्रवाह (blood circulation) सामान्य है या नहीं। आपके दिमाग (brain) तक रक्त की पर्याप्त सप्लाई हो रही है नहीं। साथ ही उठने से पहले तक अपने हाथ को मोड़कर ही रखें।
    • एक्सपर्ट्स बताते हैं कि, कोरोना से पूरी तरह से ठीक हो चुके मरीज एक महीने बाद अपना बल्ड डोनेट कर सकते हैं।
    • ब्लड डोनेशन से पहले व्यक्ति का ब्लड प्रेशर (blood pressure)  काउंट किया जाता है।  इसके साथ ही खून में हीमोग्लोबिन की जांच भी की जाती है। ब्लड डोनेट करने वाले का हीमोग्लोबिन काउंट 12.5g/dL तक होना जरूरी है।
    • डॉक्टर्स बताते हैं कि कोरोना वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) के पहले डोज के दो हफ्ते या दूसरे डोज के भी दो हफ्ते बाद ही ब्लड डोनेट करना चाहिए।  इसके अलावा, जिन्हें एक साल के भीतर रेबीज़ (rabies injection) का इंजेक्शन लगा है, उन्हें भी रक्तदान करने से परहेज करना चाहिए।
    • कहते हैं कि, रक्तदान के समय अपने दिमाग को शांत रखना बहुत जरूरी है। ताकि आपको ध्यान रहे कि रक्तदान के लिए जो ब्लड बैग इस्तेमाल किया जा रहा है, वो नया है और सिरींज (syringes) का प्रयोग भी दोबारा नहीं किया जा रहा है। इन दोनों ही मामलों में लापरवाही आपकी या किसी दूसरे शख्स की जिंदगी के लिए खतरनाक हो सकती है।

    रक्तदान के फायदे –

    • यदि रक्त का प्रवाह सही ढंग से होता रहे और शरीर में आयरन की मात्रा बैलेंस रहे, तो हमारा लीवर स्वस्थ्य रूप से कार्य करता है। ऐसे में कैंसर का खतरा न के बराबर हो जाता है।
    • रक्त (blood) में मौजूद कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) की मात्रा रक्त-प्रवाह के तेज होने से कम हो जाती है। ऐसे में साल में दो से तीन बार कम से कम रक्तदान करने की सलाह दी जाती है। यह हमारे वजन को कम करने में मददगार होता  है।

    इन सभी बातों को ध्यान रखकर ही  ‘रक्तदान’ करें।