दिल पर कोरोना का असर, ऐसे रखें ख्याल

हृदय हमारे जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, इसके बिना जीवन ही असंभव है। हृदय संबंधी जागरूकता फैलाने के लिए पूरे विश्व में हर साल 29 सितंबर को हृदय दिवस मनाया जाता है। इस आयोजन की पहल विश्व हृदय संघ के निदेशक ने 1999 में आंटोनी बेस दे लुना ने डब्ल्यूएचओ (WHO) के साथ मिलकर की थी।

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कोरोना वायरस दिनों-दिन बढ़ते ही जा रहा है। जिसकी वजह से खतरा भी बढ़ता जा रहा है। यह वायरस हमारी सांसों के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश कर रहा है। वहीं इस महामारी के बारे में आये दिन नई-नई जानकारी मेडिकल साइंटिस्ट्स द्वारा दी जा रही है। साथ ही अब ऐसे भी कुछ मरीज़ मिल रहे हैं, जिनमें Corona के शुरुआती स्तर पर इस बीमारी के लक्षण नज़र ही नहीं आ रहे थे।

कोरोना वायरस हार्ट के मरोज़ों के लिए जानलेवा बन रहा है। इस वायरस की वजह से लोगों को सांस लेने में तकलीफ और दिल में दर्द होने जैसी शिकायत हो रही है। यहां तक इस वायरस की वजह से लोगों में हार्ट अटैक जैसे लक्षण भी मिल रहे हैं। 

दिल पर असर-

कोरोना, हार्ट की मांसपेशियों में सूजन बढ़ा देता है, जिससे हार्ट को पंपिंग करने और ब्लड सप्लाई में दिक्कत होती है। इस कारण सीने में तेज़ दर्द हो जाता है। कभी-कभी धड़कनों की गति भी प्रभावित होती है। साथ ही कोरोना व्यक्ति के रेस्पिरेट्री ट्रैक्ट और लंग्स को ही इंफेक्ट करता है। 

हार्ट के ऊपर झिल्लियों में सूजन के कारण हार्ट अटैक की जांच के लिए जो ट्रोपोनिन टेस्ट किया जाता है, कोरोना मरीज़ों में वह भी पॉजिटिव आया। मसल्स और झिल्लियों की सूजन के कारण कुछ मरीज़ों को सांस लेने में दिक्कत होती है तो कुछ को सीने में भारीपन होता है। जबकि कुछ मरीजों में हार्ट की पंपिंग कम हो जाती है।  

100 मरीजों में से 78 फीसदी मरीजों के दिल में सूजन (रिसर्च)-

शोधकर्ता क्लायड डब्ल्यू येंसी के अनुसार, रिसर्च में सामने आया कि 100 में से 78 मरीज़ों के हार्ट डैमेज हुए और दिल में सूजन दिखी। इससे यह पता चलता है कि कोरोना से उबरने के बाद बहुत सी बातें सामने आनी बाकी हैं, भविष्य में शरीर के अंगों पर इसका कितना असर पड़ेगा इसका अंदाज़ा भी नहीं लगाया जा सकता है। जितना ज़्यादा संक्रमण बढ़ेगा भविष्य में उतने ही बुरे साइड-इफेक्ट देखने को मिलेंगे। 

ब्रिटेन में हुई एक और ऐसी ही स्टडी में सामने आया कि कोरोना के 1216 मरीज़ों में संक्रमण के बाद दिल से जुड़े डिसऑर्डर दिखे। 15 फीसदी मरीज़ों में हृदय से जुड़े ऐसे कॉम्प्लिकेशंस सामने आए जो बेहद गंभीर थे और जान का जोखिम बढ़ाने वाले थे।

कोरोना से हार्ट पेशंट्स और इन मरीज़ों में बढ़ता रिस्क-

कोरोना वायरस की वजह से हार्ट पेशंट्स में ज़्यादा खतरा बना हुआ है। हृदय रोगियों को इससे बचने की ख़ास ज़रूरत है। क्योंकि सामान्य लोगों की तुलना में हार्ट पेशंट्स को अगर कोरोना का संक्रमण हो जाता है तो उनकी लाइफ के लिए रिस्क 10 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं। 

हार्ट पेशंट्स के साथ ही डायबीटीज़, हाइपरटेंशन या ब्लड प्रेशर के मरीज़ों को भी कोरोना के संक्रमण से जान का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। अगर सामान्य लोगों से तुलना की जाए तो दिल के मरीज़ों की ही तरह डायबीटीज़ के पेशंट्स में इस संक्रमण से जान का खतरा 6 प्रतिशत तक बढ़ जाता है और हाई बीपी होने पर यह खतरा 7.3 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

हार्ट मरीज़ों पर कोरोना के लक्षण-

सामान्य लोगों को कोरोना संक्रमण के चलते पहले हफ्ते में खांसी होना, तेज़ बुखार आना और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं होती हैं। लेकिन हार्ट पेशेंट्स अगर कोरोना की चपेट में आ जाते हैं तो उनमें सीने में भारीपन महसूस होना, सांस फूलना, सीने में दर्द होना या धड़कने बढ़ जाना जैसे लक्षण दिखते हैं।  

हार्ट पेशंट्स का शेड्यूल-

  • कोरोना महामारी के दौरान हार्ट पेशंट्स को सबसे ज़्यादा ख्याल रखने की ज़रूरत है। अपना रेग्युलर शेड्यूल बिलकुल भी डिस्टर्ब न करें। 
  • खुद को रिलैक्स रखें और पूरी नींद लें। डायट प्रॉपर लें और दवाइयों को लेकर लापरवाही ना बरतें। क्योंकि अगर आपका सोने-जागने का वक्त बदलता है तो खाने का वक्त भी बदल जाता है, ऐसे में दवाइयों का शेड्यूल भी डिस्टर्ब होता है।
  • फिजिकली ऐक्टिव रहें, घर में वॉक, योग और एक्सर्साइज़ ज़रूर करें। इससे आपकी बॉडी फिट रहेगी और कोरोना से दुरी बनी रहेगी।