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-सीमा कुमारी

भारतीय परम्परा के अनुसार गाय को माता का दर्जा दिया गया है. वहीं गाय में देवी देवताओं का भी वास होता है. इसलिए गाय का आदर सम्मान करने की बात हमारे प्राचीन शास्त्रों में कही गई है. शास्त्रों में बताया गया हैं कि गाय के अंदर लगभग 33 कोटी देवी देवता निवास करते हैं. इसलिए कई जगहों पर गाय की पूजा भी की जाती हैं. हिंदू धर्म के अनुसार गाय की सेवा करना सबसे बड़ा पुण्य का काम होता हैं. यही वजह हैं कि कई सदियों से हमारे पूर्वज घर के आँगन में गाय पालते आ रहे हैं. गौमाता से मिलने वाले हर पदार्थ का उपयोग किया जाता है. फिर चाहें वो दूध हो, गौमूत्र हो या गोबर. लेकिन गाय का गोबर सर्वाधिक पवित्र माना जाता है. गांव में आज भी पुरे घर को गोबर से लीपा जाता है. गांव हो या शहर कहीं भी किसी प्रकार का पूजा होता है तो गोबर का उपयोग करना जरुरी होता है नहीं तो वो पूजा अधूरा रहता है.

आज हमलोग बात करेंगे गोबर के बारे में. सबसे पहले बात करेंगे गोबर क्या होता है ? आपको बता दे की गोबर शब्द का प्रयोग गाय, बैल, भैंस या भैंसा के मल के लिये प्राय: होता है. घास, भूसा, खली आदि जो कुछ चौपायों द्वारा खाया जाता है उसके पाचन में कितने ही रासायनिक परिवर्तन होते हैं तथा जो पदार्थ अपचित रह जाते हैं वे शरीर के अन्य अपद्रव्यों के साथ गोबर के रूप में बाहर निकल जाते हैं. यह साधारणत: नम, अर्द्ध ठोस होता है.

गोबर से क्या फ़ायदा होता है?

  • जब किसी भी व्यक्ति को बिजली का झटका लग जाए तो व्यक्ति के उस भाग पर गाय का गोबर लगा दे. इससे उसे राहत मिलेगी और उसके शरीर पर कोई नुकसान भी नहीं होगा |
  • गोबर का सबसे लाभप्रद उपयोग खाद के रूप में ही हो सकता है, किंतु भारत में जलाने की लकड़ियों का अभाव होने से इसका अधिक उपयोग ईंधन के रूप में ही होता है. ईंधन के लिये इसके गोहरे या कंडे बनाकर सुखा लिए जाते हैं. सूखे गोहरे अच्छे जलते हैं और उनपर बना भोजन, मधुर आँच पर पकने के कारण, स्वादिष्ट होता है.
  •  वैज्ञानिक का मानना है कि गाय के गोबर में विटामिन बी-12 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. यह रेडियोधर्मिता को भी सोख लेता है. आम मान्यता है कि गाय के गोबर के कंडे से धुआं करने पर कीटाणु, मच्छर आदि भाग जाते हैं तथा दुर्गंध का नाश हो जाता है.
  • जिस किसी भी व्यक्ति को त्वचा सम्बंधित समस्या या कोई रोग है, तो वो गोबर का लैप अपनी त्वचा पर 10 मिनट तक लगाएं. हफ्ते में दो या तीन बार इसका प्रयोग लेप के रुप में करें. इससे आपको कुछ दिनों में ही त्वचा संबंधी समस्या से निजात मिल जाएगा और त्वचा पहले जैसी हो जाएगी.