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    -वैष्णवी वंजारी 

    अस्त व्यस्त जीवन शैली और गलत खानपान की वजह से आजकल हर दूसरा व्यक्ति बवासीर की समस्या से परेशान हैं। यह बेहद पीड़ादायक बीमारी है। ज्यादातर मामलों में बवासीर का ऑपरेशन करवाया जाता है। लेकिन, अगर जीवनशैली में सुधार किया जाए, तो इसे बिना ऑपरेशन के भी ठीक किया जा सकता है।

    बवासीर की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कुछ योगासनों का भी सहारा लिया जा सकता है। नियमित रूप से योगासन करके इस समस्या से निजात मिल सकता है। योगासन हमारे सेहत के लिए काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। तो चलिए जानते हैं उन योगासन के बारे में…  

    मलासन

    मलासन करने से बवासीर की समस्या को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। अगर आप भी बवासीर की समस्या से परेशान हैं तो नियमित रूप से इस योगासन को जरूर करें। इससे आपको कुछ ही दिनों में फर्क नजर आने लगेगा।

    •  मलासन करने के लिए सबसे पहले जमींन पर मैट बिछा लें। इस पर एकदम सीधे खड़े हो जाएं।
    •  अब आप अपने दोनों पैरों के बीच 2.4 फीट का गैप बनाकर रखें।
    •  अपनी दोनों कोहनी को मोंडे। फिर हाँथो को जोड़ें और छाती के पास रखें। 
    •  साँस ले और छाती को फुलाएं।
    • साँस छोड़ते हुए धीरे धीरे घुटनों को मोड़ते हुए मलत्याग की अवस्था में निचे बैठ जाएँ।
    •  इस दौरान आप कूल्हे पर और पैरों के तलवों पर रहेंगे।
    • आपकी कोहनियां 90 डिग्री का कोण बनाएंगी। फिर आप अपनी दोनों कोहनियों को जांघ के अंदर रखें।
    • कुछ देर इस मुद्रा में रहने के बाद प्रारंभिक अवस्था में वापस आ जाएं। 

    बालासन

    बवासीर की समस्या होने पर बालासन करना भी फायदेमंद हो सकता है। इसलिए अगर आप बवासीर की समस्या से परेशान हैं तो इस आसन को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।

    बालासन करने का तरीका

    • बालासन करने के लिए सबसे पहले एक मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं
    • अब श्वास अंदर लेते हुए दोनों हाथों को सीधा सिर के ऊपर उठा लें। …
    • अब श्वास बाहर छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। …
    • तब तक आगे झुकते रहें जब तक की आपकी हथेलियां जमीन पर नहीं टिक जाती।
    • अब सिर को ज़मीन पर टीका लें।

    विपरीत करनी

    योगासन विपरीत करनी एक सरल आसन है, इसे करना बहुत ही आसान है। इसे किसी भी उम्र का व्यक्ति आसानी से कर सकता है। नीचे इस आसन को करने के कुछ स्टेप दिए गए हैं, जिसकी मदद से आप इसे आसानी से कर सकते हैं।

    विपरीत करनी करने की विधि  

    • इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को फर्श पर बिछा के उस पर पीठ के बल लेट जाएं।
    • अपने दोनों हाथ और पैरों को जमीन पर सीधा रखें।
    • अब धीरे-धीरे दोनों पैरों को ऊपर उठायें और अपने ऊपर के शरीर को फर्श पर ही रखा रहने दें।
    • अपने दोनों पैरों को 90 डिग्री कोण तक ऊपर उठायें।
    • आप आराम पाने के लिए अपने कूल्हों के नीचे किसी तकिये या कंबल को मोड़ के रख लें।
    • सुनिश्चित करें कि आपकी पीठ और सिर फर्श पर आराम कर रहे हैं।
    • अपनी आंखों को बंद करें और इस स्थिति में आप कम से कम पांच मिनट के लिए रुकें।

    पवनमुक्तासन

    पवनमुक्तासन का अभ्यास करते समय पेट पर कोमल और कठोर दबाव एक साथ पड़ता है। इस आसन के अभ्यास से फंसी हुई गैसों को छोड़ने और पेट के निचले हिस्से में दिक्कत को कम करने में मदद मिल सकती है। ये आसन गुदा में मांसपेशियों के तनाव को कम करने में भी मदद करेगा। इस आसन को करने के लिए 5-6 सेकेंड तक सांसों को रोककर रखें।

    पवनमुक्तासन करने की विधि

    योग मैट पर पेट के बल शवासन (Shavasana) में लेट जाएं।

    बाएं घुटने को मोड़ते हुए उसे पेट के पास तक ले आएं।

    सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फसाएं।

    अंगुलियों को घुटनों के नीचे रखेंगे।

    अब बाएं घुटने से सीने को छूने की कोशिश कीजिए।

    सिर जमीन से ऊपर उठाएं और घुटने को नाक से छूने की कोशिश करें।

    नाक को घुटनों से छूने के बाद 10 से 30 सेकेंड तक इसी मुद्रा में रहें।

    धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए सामान्य हो जाएं।

    अब यही प्रक्रिया दाएं पैर से भी कीजिए।

    एक योग सेशन में 3 से 5 बार इस मुद्रा को दोहराएं।