-सीमा कुमारी
आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या कोरोना वायरस है। ये महामारी कब ख़त्म होगी पता नहीं और इससे बचने के लिए सरकार की तरफ से लोगों को पूरी एहतियात बरतने के लिए कहा जा रहा है। लेकिन अब तो लोग बिना मास्क के भी नजर आ रहे हैं। सब कुछ जानते हुए भी लोग लापरवाही बरत रहे हैं, सरकार अपनी तरफ से जल्द -जल्द से वैक्सीन लाने की कोशिश में लगे हैं और बहुत सी वैक्सीन कंपनियाँ इसकी वैक्सीन पर काम कर रही हैं। लेकिन इसकी दवा कब तक लोगों को मिलेगी इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है।
ऐसे में सरकार की तरफ से लोगों को एक दूसरे के संपर्क में कम आने के लिए कहा जा रहा है। वहीं इसकी वैक्सीन पर रोजाना बहुत सी रिसर्च भी सामने आ रही हैं। हाल ही में इसी संबंध में एक और नया शोध सामने आया है, जिसमें यह बताया गया है कि कौन से लोग सबसे ज्यादा कोरोना को फैलाते हैं। वैज्ञानिकों ने ऐसे लोगों को जो कोरोना फैलाते हैं उन्हें ‘सुपर स्प्रेडर’ कहा है यानि वो लोग जो कोरोना के संक्रमण को अधिक फैलाते हैं। हालांकि इसमें ऐसे भी बहुत से लोग होते हैं जिनमें वायरस के लक्षण तो नजर नहीं आते हैं, लेकिन वह अनजाने में ही लोगों को संक्रमित कर देते हैं।तो आइये बताते हैं कि कैसे लोग सबसे अधिक कोरोना फैलाते हैं…
- वैज्ञानिक की मानें तो जो लोग अपनी नाक की साफ सफाई नहीं करते हैं उनके ड्रॉपलेट्स ज्यादा दूर तक जाते हैं। वहीं दूसरी ओर जो लोग शरीर की साफ सफाई रखते हैं, उनसे कोरोना का खतरा कम होता है। इसलिए जरूरी है की आप अपने आस -पास के साथ खुद को भी साफ सफाई पर ध्यान दे, ताकि कोरोना महामारी से बच सके।
- जिन लोगों की लार गाढ़ी होती हैं उनसे कोरोना का खतरा कम होता है, क्योंकि ऐसे लोगों की ड्रॉप्लेट्स ज्यादा समय तक हवा में नहीं रहते, वो जल्दी ही नीचे जमीन पर गिर जाते हैं।
- अगर 70 फीसद लोग भी मास्क पहननें तो कोरोना के खतरे को काफी कम किया जा सकता है, क्योंकि मास्क पहनने के कारण संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
- वो लोग भी कोरोना संक्रमण अधिक फैलाते हैं जिनके मुंह से लार निकलती है क्योंकि इनके छींक के ड्रॉप्लेट्स को फैलाने में मदद करती है। वहीं सबसे खतरा उन लोगों से होता है, जिनकी लार पतली होती है। क्योंकि ऐसे लोगों की लार ज्यादा दूर तक जाती है और वो लंबे समय तक हवा में रहती है।