बाह्य प्राणायाम के हैं यह फायदे

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-सीमा कुमारी

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग बहुत जरुरी है, योग करने से हमें कई  शारीरिक  समस्याओं से छुटकारा मिलती है, आज हम एक ऐसे  प्राणायाम,का उल्लेख करेंगे जो हम सभी के  लिए बहुत उपयोगी है, इस तरह के योग को करना काफी अच्छा माना जाता है,जो कि श्वास से जुड़ा हुआ है, आयुर्वेद में प्राणायाम की व्यख्या करते हुए यह बताया गया है, कि मन, मस्तिष्क  और शरीर के लिए यह एक औषधि का कार्य करता है, इस योग में बहुत  तेजी से गहराई में सांसों को लिया जाता है, इस तरह के प्राणायाम में श्वास बाहर की ओर जाता है, इसलिए इसे बाह्य प्राणायाम नाम दिया गया है, व्यक्ति के मन में आने वाली चंचल भावनाओं को दूर करने का कार्य तो करता ही है, साथ ही पेट से जुड़े रोगों के लिए भी बाह्य प्राणायाम बहुत उपयोगी है.

बाह्य प्राणायाम करने की विधि ;-
बाह्य प्राणायाम करने के लिए सबसे अच्छा गार्डन को माना गया है, यहाँ हर तरह की पेड़-पोथे और स्वच्छ हवा और वातावरण होने के साथ अच्छी जगह भी आपको मिलती है, इस तरह के प्राणायाम को 1:2:3 में किया जाता है, जिसका तात्पर्य है कि 1 सेकंड में श्वास लेना है, 2 सेकंड में उसे थामे रखना और 3 सेकंड में उसे बाहर करना है, इस अनुपात में इस प्राणायाम को करने से इसका पूरा फायदा मिलता है.

बाह्य प्राणायाम के फायदे:

  • इस बाह्य प्राणायाम को नियमित रूप से करने पर व्यक्ति की पाचन तंत्र से जुड़े सारी परेशानी से मुक्ति मिलती है, इसके साथ-साथ यह पेट के कई अंदरूनी भागों के लिए अच्छा माना जाता है.
  • कब्ज, पेट में एसिड बनने की समस्या, गैसे बनने की समस्या, हर्निया जैसी समस्या से व्यक्ति को आराम मिलता है,बवासीर, थायरॉयड, गले की समस्या, पुनर्योजी अंग, गर्भाशय और मूत्र संबंधित विकारों से भी बेहद आराम दिलाने का कार्य यह प्राणायाम करता है,प्रोस्टेट से संबंधित समस्याओं से भी यह प्राणायाम निजात मिलता है,डायबिटीज की समस्या, जननांगों से संबंधित समस्या से भी यह छुटकारा दिलाने में काफी महत्वपूर्ण माना गया है, कई  शारीरिक एवम मानसिक बीमारयों के लिए  यह प्राणायाम कारगर है.