‘बड़े दिल’ वाला है भारत का यह अस्पताल, मुफ्त में किया जाता है हृदय रोगों का इलाज

हृदय हमारे जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, इसके बिना जीवन ही असंभव है। हृदय संबंधी जागरूकता फैलाने के लिए पूरे विश्व में हर साल 29 सितंबर को हृदय दिवस मनाया जाता है। इस आयोजन की पहल विश्व हृदय संघ के निदेशक ने 1999 में आंटोनी बेस दे लुना ने डब्ल्यूएचओ (WHO) के साथ मिलकर की थी।

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हमारा हृदय बेहद ही अनमोल होता है, इसका ख्याल रखना बेहद ज़रूरी होता है। थोड़ी सी लापरवाही इसे नुकसान पहुँच सकता है, जिसका बड़ा हर्जाना हमें भरना पड़ सकता है। वैसे तो सभी जानते होंगे कि दिल की बीमारी अगर किसी को होती है तो, उसको कितनी महंगी दवाईयां और उपचार करवाना पड़ता है। बहुत से लोग तो इसका इलाज करवाने के लिए विदेश तक जाते हैं। 

दिल की बीमारी का इलाज बहुत महंगा होता है। इस बीमारी से पीड़ित बहुत से लोग लाखों में होने वाले इसके इलाज के लिए न जानें अपना क्या-क्या दाव पर लगा देते हैं। लेकिन जो लोग अपने दिल का इलाज कराने में सक्षम नहीं हैं, उनके लिए है भारत का एकलौता ऐसा अस्पताल जहां दिल की गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज मुफ्त में किया जाता है। लेकिन यहां सिर्फ बच्चों का इलाज फ्री में होता है। यहां दिल की जांच से लेकर ऑपरेशन तक, सब कुछ मुफ्त में किया जाता है। यह कोई सरकारी अस्पताल नहीं है, यह एक प्राइवेट अस्पताल है, जहां उपचार के समय कोई भी लापरवाही नहीं की जाती है। तो आइए जानते हैं इस अस्पताल के बारे में…

दिलवालों का अस्पताल-

यह अस्पताल छत्तीसगढ़ के रायपुर में मौजूद है, इसका नाम श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल है। यह भारत का एकमात्र ऐसा अस्पताल है, जहां बच्चों के हृदय रोग मुफ्त में ठीक किया जाता है, जो बच्चों में होने वाले ह्रदय रोगों के इलाज के लिए पूरी तरह समर्पित है। 

अस्पताल की स्थापना-

 

इस अस्पताल की स्थापना नवंबर वर्ष 2012 में हुई थी। पहले यहां सभी उम्र के मरीज़ो के दिल का उपचार किया जाता था, लेकिन फरवरी वर्ष 2014 से इसे चाइल्ड हार्ट केयर सेंटर (Child Heart Care) के रूप में बदल दिया गया। तब से100 बिस्तर वालेयह अस्पताल बच्चों के दिल की देखभाल कर रहा है।  

अस्पताल के बारे में खास बातें-

श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल एक ऐसा अस्पताल है, जहां कैश काउंटर नहीं है। यानि ज़रूरी जांच, ऑपरेशन, उपचार, रहना और खाना सब कुछ मुफ्त है। इस अस्पताल में भर्ती होने वाले 12 वर्ष तक के बच्चों के साथ दो व्यक्तियों को और 12 से 18 वर्ष तक के दिल की बीमारी से पीड़ित बच्चों के साथ एक व्यक्ति के रहने और खाने की व्यवस्था की जाती है। 

इस अस्पताल में बच्चों के हृदय रोग के 25 तरह के आपरेशन किए जाते हैं। वहीं अगर निजी अस्पतालों में इसका खर्च देखें तो 3 से 15 लाख रुपये आ जाता है, लेकिन यहां इसका इलाज फ्री में होता है। यहां बेहतर डॉक्टरों की टीम है जो एक दिन में कम से कम पांच ऑपरेशन करती है। जिसमें से तीन आपरेशन ओपन हार्ट सर्ज़री का होता है। 

देश-विदेश से आते हैं लोग-

2018 तक इस अस्पताल के शुरू होने के बाद से 4500 बच्चों के हृदय का ऑपरेशन हो चुका है। यहां के चिकित्सकों के दल ने फिजी जाकर 26 बच्चों के दिल का ऑपरेशन किया था। वह बताते हैं कि इसे अस्पताल नहीं बल्कि “टेंपल आफ हीलिंग” (Temple Of Healing ) कहते हैं और इसे मंदिर की तरह ही पूजा जाता है। इस अस्पताल में देश-विदेश से लोग अपने इलाज के लिए आते हैं। 

ऐसा भी हुआ-

  • कुछ साल पहले कालाहांडी में एक बच्ची नाली में मिली थी, जिसे वहां के एनजीओ ने लाकर अस्पताल में दाखिल किया था। यहां सर्जरी के बाद बच्ची ठीक हो गई थी, जिसके कुछ समय बाद बच्ची को एक इटैलियन दंपत्ति ने गोद ले लिया था।
  •  ओडिशा में रहने वाली प्रतीक्षा के दिल में छोटा सा सुराथ था। जब आपरेशन के दौरान खून की ज़रूरत पड़ी तो असपताल प्रबंधक के एक अधिकारी ने उसे रक्त दिया। 
  • हरियाणा के सहसपुर से एक 89 दिन की बच्ची दक्षिता शर्मा का यहां आपरेशन हुआ। इस छोटी सी बच्ची की ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी।

हर दिन होती है प्रार्थना-

श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल की यह खास बात है कि यहां हर दिन जिन बच्चों का ऑपरेशन होता है, उनके लिए प्रार्थना की जाती है। इसके अलावा उनकी लिस्ट देश विदेश में फैले लाखों अनुयायियों को भी भेजी जाती है, जिससे वह भी प्रार्थना में शामिल हो सकें। डॉक्टरों का कहना है कि यह अस्पताल मंदिर की तरह ही लोगों की सेवा के लिए है, न कि पैसे कमाने के लिए यहां इलाज किया जाता है।