आज है विश्व निमोनिया दिवस, सही उपचार न मिलने पर बन सकता है जानलेवा, जानें इसके लक्षण

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जैसे ही मौसम में बदलाव आता है, लोग बीमार पड़ने लगते हैं। इस दौरान लोगों को सर्दी-जुकाम और अन्य बीमारियां होने लगती हैं, जो इम्यून सिस्टम को कमज़ोर कर देती हैं। जिसकी वजह से कई समस्या भी होने लगती है। यह बीमारियां कई खतरनाक संक्रमणों को जन्म देती हैं। उनमें से ही एक है निमोनिया, जो बेहद ही खतरनाक बीमारी है। आज विश्व निमोनिया दिवस है। यह दिन लोगों को निमोनिया को लेकर जागरूक करने के लिए मनाया है। ऐसे में आज हम आपको बताएँगे इसके कारण और लक्षण के बारे में…

निमोनिया होने के कारण:-
जब सांस के ज़रिए फेफड़ों तक बैक्टीरिया पहुँच जाते हैं तो यह बीमारी होती है। इसका मुख्य कारण फंगस और वायरस हैं। खासतौर पर इन दिनों प्रदूषण की वजह से निमोनिया के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। बदलते मौसम में वायरस की बढ़ती सक्रियता, लंबे समय तक रहने वाले सर्दी-ज़ुकाम, मिजिल्स और चिकनपॉक्स जैसी बीमारियों के बाद शरीर का इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है, जिसकी वजह से भी निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। 

इन्हें है सबसे ज़्यादा खतरा:-
निमोनिया का खतरा सबसे ज़्यादा एस्थमा, डायबिटीज़, टीबी, कैंसर और दिल के मरीज़ों को रहता है। इन बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों को अपना खासा ख्याल रखने की ज़रूरत होती है। ऐसे में बदलते मौसम में उन्हें हर तरह की सावधानी बरतनी चाहिए। 

निमोनिया के लक्षण:-
तेज़ बुखार, खांसी के साथ ज्य़ादा कफ निकलना, कभी-कभी खून आना, सांस लेने में तकलीफ, दिल की धड़कन बढऩा, जी मिचलाना, लूज़ मोशन, भोजन में अरुचि, होंठों का नीला पड़ जाना, बहुत कमज़ोरी महसूस होना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। इसके अलावा गंभीर स्थिति होने पर मरीज बेहोश भी हो सकता है। निमोनिया का सबसे प्रमुख लक्षण है-बुखार के साथ बलगम वाली खांसी और सीने में हल्का दर्द। इन सभी लक्षणों के होने पर आप जल्द से जल्द डॉक्टर की सलाह लें, अन्यथा यह बीमारी जान लेवा भी साबित हो सकती है।