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भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में आठ स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक जीते हैं।

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नयी दिल्ली. तोक्यो में पिछली बार हुए ओलंपिक में हरबिंदर सिंह का स्वर्ण जीतने का सपना पूरा हुआ था और भारतीय हॉकी के पूर्व सेंटर फारवर्ड को उम्मीद है कि मनप्रीत सिंह की टीम अगले साल जापान में इतिहास को दोहरायेगी। भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में आठ स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक जीते हैं। लेकिन आखिरी बार 40 साल पहले 1980 के मॉस्को ओलंपिक में टीम ने पीला तमगा हासिल किया था।

तोक्यो ओलंपिक 1964 में स्वर्ण, मैक्सिको ओलंपिक 1968 और 1972 म्युनिख ओलंपिक में कांस्य जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे सिंह ने कहा कि अगले साल तोक्यो में भारतीय टीम पदक जीत सकती है। उन्होंने हॉकी इंडिया के लिये एक कॉलम में लिखा ,‘‘ अब आधी सदी बाद ओलंपिक जापान में फिर हो रहे हैं। मेरा भारतीय टीम के साथ स्वर्ण पदक जीतने का सपना वहीं पूरा हुआ था।” उन्होंने लिखा,‘‘हमारी टीम के पास उसी स्थान पर इतिहास को दोहराने का मौका है । वे 1964 की तरह इस ओलंपिक को यादगार बना सकते हैं ।”

उन्होंने तोक्यो में पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल को याद करते हुए कहा ,‘‘वह यादगार मैच था और काफी रोमांचक भी। अपने पहले ही ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का अनुभव अलग ही था।” सिंह ने कहा ,‘‘ वह तनावपूर्ण फाइनल था। अंपायर ने दोनों टीमों को मैच के दौरान किसी भी फाउल से बचने की चेतावनी दी थी। उस समय खिलाड़ी को लालकार्ड दिये जाते थे और उसे मैच से बाहर होना पड़ता था।” (एजेंसी)