नई दिल्ली: देश में एक ओर कोरोना (Corona Virus) का कहर जारी है, वहीं दूसरे तरफ टीकाकरण अभियान (Vaccination Program) भी तेजी से शुरू है। इसी बीच देश के 12 विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने सभी लोगों को मुफ्त में टीका उपलब्ध कराने की मांग की है। इसी के साथ नेताओं ने नौ सुझाव भी दिए हैं।
पत्र लिखने वाले नेताओं में सोनिया गांधी ( कांग्रेस), एचडी देवगौड़ा (जेडी-एस), शरद पवार (एनसीपी), उद्धव ठाकरे (शिवसेना), ममता बनर्जी (टीएमसी), एमके स्टालिन (डीएमके), हेमंत सोरेन (जेएमएम), अखिलेश यादव (सपा), फारूक अब्दुल्ला (जेकेपीए), तेजस्वी यादव (आरजेडी), डी राजा (सीपीआई) और सीताराम येचुरी (सीपीआई-एम) शामिल हैं।
Twelve leaders of Opposition parties write a joint letter to PM Narendra Modi suggesting a slew of measures for combating #COVID19 pic.twitter.com/b5HTNB6G6D
— ANI (@ANI) May 12, 2021
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में लगाए प्रतिबंध
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में इन नेताओं ने कहा, “देश में कोरोना महामारी अप्रत्याशित स्तर के मानवीय संकट का रूप ले चुकी है। हमने अतीत में भी आपका ध्यान उन कदमों की ओर खींचा जिन्हें केंद्र सरकार की ओर से उठाया जाना और लागू किया जाना जरूरी है। दुर्भाग्यवश आपकी सरकार ने सभी सुझावों को नजरंदाज कर दिया या फिर मानने से इनकार कर दिया। इस तरह से स्थिति भयावह मानवीय त्रासदी की तरफ बढ़ गई।”
नौ बिंदुओं के साथ दिया सुझाव:
- केंद्र के स्तर पर वैश्विक और घरेलू सभी उपलब्ध स्रोतों से टीकों की खरीद की जाए।
- तत्काल पूरे देश में सभी के लिए मुफ्त टीकाकरण की शुरुआत की जाए।
- टीकों के घरेलू निर्माण को बढ़ाने के लिए जरूरी लाइसेंस दिए जाएं।
- विपक्षी नेताओं ने यह मांग भी की, ‘‘बजट में आवंटित 35,000 करोड़ रुपये टीके के लिए खर्च किए जाएं।
- सेंट्रल विस्टा परियोजना पर रोक लगाई जाए। इसके लिए तय राशि का इस्तेमाल ऑक्सीजन और टीके की खरीद में किया जाए।
- बिना लेखा-जोखा वाले ट्रस्ट फंड ‘पीएम केयर्स’ में मौजूद सारी राशि का इस्तेमाल टीके, ऑक्सीजन और जरूरी चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए किया जाए।
- सभी बेरोजगार लोगों को 6,000 रुपये महीने दिए जाएं।
- जरूरतमंद लोगों को केंद्र सरकार के अन्न गोदामों से अनाज मुहैया कराया जाए।
- तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए ताकि लाखों अन्नदाता महामारी से बच सकें और भारतीय नागरिकों को खिलाने के लिए अन्न पैदा कर सकें।”