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    नई दिल्ली: केंद्र (Center) ने गुरूवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) को बताया कि सीबीएसई 12वीं कक्षा (CBSE 12th Board) के छात्रों के अंकों के मूल्यांकन के लिए 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के नतीजों के आधार पर क्रमश: 30:30:40 का फॉर्मूला अपनाएगी। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ को अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने बताया कि मूल्यांकन के फार्मूले से असंतुष्ट सीबीएसई छात्रों को 12वीं कक्षा की परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा जो महामारी के हालात में सुधार होने पर करायी जाएगी।

    छात्रों की किसी भी चिंता के निदान के लिए एक समिति गठित की जाएगी

    शीर्ष न्यायालय ने वेणुगोपाल से सीबीएसई की योजना में विवाद समाधान की व्यवस्था की रूपरेखा पेश करने को कहा ताकि छात्रों की शिकायतों पर सुनवाई की जा सके। वेणुगोपाल ने पीठ को आश्वस्त किया कि छात्रों की किसी भी चिंता के निदान के लिए एक समिति गठित की जाएगी।

    12वीं कक्षा की प्रस्तावित परीक्षा कराने के लिए समयसीमा भी स्पष्ट की जाए

    न्यायालय ने कहा कि, नतीजों की घोषणा और 12वीं कक्षा की प्रस्तावित परीक्षा कराने के लिए समयसीमा भी स्पष्ट की जाए। न्यायालय ने कहा कि उसने कुछ याचिकाकर्ताओं की दलीलों को भी खारिज कर दिया है कि बोर्ड परीक्षाएं रद्द कराने का फैसला वापस लिया जाना चाहिए।

    उच्चतम न्यायालय कोरोना वायरस महामारी की स्थिति के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द कराने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।