‘पे मैट्रिक्स टेबल’ क्या है? जिससे बढ़ेगी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी

    Loading

    7th pay Commission. देश भर के सरकारी कर्मचारी लंबे समय से सातवें वेतन आयोग के तहत अपना वेतन बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। कर्मचारियों और अधिकारियों को इंतजार है कि उनकी बढ़ी हुई सैलरी अकाउंट में आखिर कब आएगी! आयोग ने वेतन बढ़ाने के साथ ही पे मैट्रिक्स (Pay Matrix) की घोषणा भी की गई है। जिसके आधार पर कर्मियों की सैलरी निर्धारित होगी। जो ग्रेड पे का दूसरा रूप है।  

    क्या है पे मैट्रिक्स?

    सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) लागु होने के बाद केंद्रीय कर्मचारी का स्टेटस ग्रेड पे से नहीं बल्कि नए पे मैट्रिक्स (Pay Matrix) से निर्धारित होता है। इससे कर्मचारी के वेतन स्तर का पता लगाया जा सकता है। साथ ही भविष्य में सैलरी वृद्धि की भी जानकारी मिल जाएगी।  

    यानि करियर की शुरुआत में ही आपको आने वाले सालों में सैलरी की ग्रो कितनी होगी इसकी जानकारी मिल जाएगी। कर्मचारियों की सैलरी में इसी पे मैट्रिक्स के आधार पर ग्रोथ की जाएगी। दरअसल पहले कर्मचारियों का स्टेट्स ग्रेड पे के आधार पर निर्धारित होता था, लेकिन अब ये पे मैट्रिक्स (Pay Matrix) के आधार पर होता है।

     

    टेबल से होता है सैलरी का कैलकुलेशन

    Pay Matrix की एक टेबल होती है, जिसके जरिए सैलरी की गणना की जाती है। सिविलियन कर्मचारियों/अधिकारियों, रक्षा बलों और मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (MNS) के लिए अलग-अलग पे मैट्रिक्स तैयार किया गया है। हर विभाग की  गणना अलग की जाती है। स्ट्रक्चर को इस तरह से तैयार किया गया है, जिसमें हर कर्मचारी प्रस्तावित मैट्रिक्स में अपनी जगह ढूंढ सकते हैं।  

    न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये होगा

    सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, एंट्री लेवल के सरकारी कर्मचारियों की मिनिमम बेस सैलरी को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया गया है. वहीं, क्लास-वन ऑफिसर की नियुक्ति अब न्यूनतम 56,100 रुपये की सैलरी पर होगी। 

    यानि सातवें वेतन आयोग से वेतन, भत्ते और पेंशन में 23.55 फीसदी बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है। जिसका फायदा 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को मिलेगा। जिसमें  50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 58 लाख पेंशनभोगी शामिल हैं।