विरासत में मिली लेखनी, सबसे कम उम्र की राइटर बन, कर डाली 4 किताबों की डील

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गाजियाबाद. अभिजिता गुप्ता (Abhijita Gupta) महज 7 साल की काम उम्र में लेखिका बन चुकी हैं। इस छोटी सी उम्र में इन्हें ‘वर्ल्ड यंगेस्ट ऑथर’ (World’s Youngest Writer) और ‘ग्रैंड मास्टर इन राइटिंग’ (Grandmaster of Writing) खिताब से नवाजा गया है। लॉकडाउन में अभिजिता ने बहुत सी लघु कथा और कविताओं का एक संग्रह लिखा। इस दौरान उनकी किताब ‘हैपिनेस ऑल अराउंड’ प्रकाशित हुई। अभिजिता एक साथ 4 किताबों का करार कर देश की पहली लेखिका बन गई हैं। उन्होंने इस किताब को महज 3  महीनों  में लिखा है। जिसे बच्चों के बीच काफी पसंद किया जा रहा है।

बता दें कि, अभिजिता को लेखनी विरासत में मिली है। वे प्रसिद्ध कवि मैथिलीशरण गुप्त की पोती हैं। दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली यह बच्ची इंदिरापुरम में रहती है। पिता चार्टर्ड अकाउंटेंट आशीष गुप्ता हैं। मां अनुप्रिया गुप्ता उद्यमी हैं। उन्हें पिछले महीने ही किताब लिखने के लिए मेडल और सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है। आपको जानकर हैरानी होगी कि, जब अभिजिता पांच साल की थीं, तब उन्होंने माता पिता से लिखने के लिए कॉपी पेंसिल की मांग की थी। 

मां अनुप्रिया ने बताया कि, मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि, अभिजिता द्वारा लिखी गई किताब में मुश्किल से एक या दो स्पेलिंग मिस्टेक थीं। मैं उसके लेखनी को देखकर हैरान थी। अभिजिता ने अपनी पहली कहानी ‘द एलिफेंट एडवाइस’ लिखी थी। उसकी पहली कविता का नाम ‘ए सनी डे’ है। इकलौती बेटी अभिजिता के लेखन यात्रा के हर चरण में हमने सहयोग किया, हमें उस पर गर्व है। 

गौरतलब हो कि, अभिजिता को इंटरनैशन बुक ऑफ रेकॉर्ड्स की तरफ से ‘वर्ल्ड यंगेस्ट ऑथर’ का खिताब दिया गया है। एशिया बुक ऑफ रेकॉर्ड्स ने उन्हें ‘ग्रैंड मास्टर इन राइटिंग’ का खिताब दिया है। इंडिया बुक ऑफ रेकॉर्ड्स ने कहा है कि अभिजिता कविता और गद्य लिखने वाली सबसे कम उम्र की लेखिका हैं।

‘जो सुनती-देखती हूं, वही महसूस करती हूं’

अभिजिता कहती हैं, “मेरे लेखन में सकारात्मक सोच नज़र आती है, मेरे माता पिता ने मुझे हमेशा पॉजिटिव रहना सिखाया है। मुझे लिखना पसंद है। जो सुनती हूं, देखती हूं और महसूस करती हूं, बस उसी को लिखने की आदत है। मेरी जल्द ही एक और किताब आने वाली है। कोरोना महामारी और बच्चों पर उसके प्रभाव आदि मुद्दों पर लिखा है।” अभिजिता को पहली किताब की 10 हजार प्रतियों की रॉयल्टी का एक हिस्सा मिल चुका है।