नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Bill) को लेकर किसानों का आंदोलन (Farmer Protest) 61 वें दिन तक पहुंच आया है। समस्या का समाधान निकालने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) और किसान संगठनों (Farmer Organizations) के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन उसमें कोई भी रास्ता नहीं निकला है। किसान जहां ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) निकालने पर अड़े हुए हैं, वहीं सरकार अभी भी समाधान निकालने के लिए आश्वस्त है। सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomer) ने आशा जताते हुए कहा कि, “आने वाले कल में इसका समाधान निकल जाएगा और समाप्त होगा।”
The protest will end soon: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar when asked when will the farmers’ agitation get over pic.twitter.com/KhUoJASHzp
— ANI (@ANI) January 25, 2021
सरकार किसान और कृषि के प्रति प्रतिबद्ध
कृषि मंत्री तोमर ने कहा, “सरकार किसान और कृषि दोनों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में विगत 6 वर्षों में किसान की आमदनी बढ़ाने, खेती को नई तकनीक से जोड़ने के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं और प्रयास किए गए हैं। MSP को डेढ़ गुना करने का काम भी PM के नेतृत्व में हुआ।”
पीएम और सरकार की नियत साफ
कृषि मंत्री ने कहा, “किसान को उसके उत्पादन का सही दाम मिल सके, किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित हो सके इसलिए जहां कानून बनाने की आवश्यकता थी वहां कानून बनाए गए और जहां कानून में बदलाव की आवश्यकता थी वहां कानून में बदलाव भी किए गए। इसके पीछे सरकार और प्रधानमंत्री की साफ नीयत है।”
सुप्रीम कोर्ट से करते अनुरोध
कृषि मंत्री ने आगे कहा, “किसानों के साथ 11वें दौर की वार्ता के बाद जब समाधान नहीं निकला तब मैंने किसान से कहा कि डेढ़ साल के लिए कानूनों के क्रियान्वयन को स्थगित कर देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित किया है तो हम उनसे अनुरोध करेंगे कि थोड़ा और समय दें ताकि उस समय में हम लोग बातचीत के जरिए हल निकाल सकें।”
असहमति पर भी असहमति व्यक्त कर सकता है
कृषि मंत्री ने कहा, “असहमति जताने पर कोई भी असहमति व्यक्त कर सकता है। जब हमने देखा कि कुछ किसान, हालांकि उनकी संख्य बहुत अधिक नहीं है, (खेत) कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे थे, हमने सोचा था कि हमें बातचीत के माध्यम से एक समाधान खोजना होगा, और हमें अभी भी उम्मीद है कि इस मुद्दे को हल किया जाएगा।”
किसी और दिन निकल सकती थी रैली
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “किसान 26 जनवरी के बजाय किसी और दिन चुन सकते थे, लेकिन उन्होंने अब घोषणा की है। बिना किसी दुर्घटना के शांतिपूर्ण ढंग से रैली आयोजित करना किसानों के साथ-साथ पुलिस प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय होगा।”
They (farmers) could have chosen any other day instead of January 26 but they have announced now. Conducting rally peacefully without any accident would be the concern for farmers as well as police administration: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar pic.twitter.com/1Xg7aapuGA
— ANI (@ANI) January 25, 2021
हम ही किसान और हम ही जवान
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्रैक्टर रैली को लेकर कहा, “किसान ने तिरंगे को अपने खेत से जोड़ दिया है। सैनिक परेड निकालते हैं और किसान भी परेड निकालेगा। हम ही किसान है और हम ही जवान है। ट्रैक्टर परेड में हमारा हर आदमी पूरी तरह से सैनिक का काम करेगा। हमारी दिल्ली पुलिस से कोई हार जीत नहीं है।”