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नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Bill) को लेकर विरोध कर रहे किसान संगठनों (Farmer Organizations) और सरकार (Government) के बीच आज 10वें दौर की बैठक होने वाली है। दोपहर 12 बजे विज्ञान भवन में यह बैठक होगी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चल रहे मामले के बीच इस बैठक में कोई हल निकलने की संभावना बेहद कम हैं। 

ज्ञात हो कि, किसान संगठन पिछले 50 दिनों से कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन को समाप्त कराने के लिए सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी है, लेकिन उसमें मामले को सुलझाने का कोई रास्ता नहीं निकला। किसान लगातार तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं, वहीं सरकार कानून में संशोधन के लिए तैयार हैं।

कोर्ट ने बनाई समिति 

आंदोलन को समाप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्सीय समिति बनाने का ऐलान किया। कृषि विशेषज्ञ अशोक गुलाटी को समिति का अध्यक्ष बनाया है, इसी के साथ अदालत ने बीकेयू के अध्यक्ष जीतेंद्र सिंह मान, अंतरराष्ट्रीय नीति प्रमुख  डॉ. प्रमोद कुमार जोशी और  महाराष्ट्र शेतकरी संगठन के अनिल गणवत को सदस्य बनाया है। किसानों ने जहां समिति के सामने जाने से इनकार कर दिया है। हालांकि गुरुवार को जीतेंद्र सिंह मान ने किसानों के समर्थन में समिति छोड़ दी है। 

नहीं निकलेगा कोई हल 

सरकार के साथ होने वाली बैठक को लेकर किसानों ने इसमें शामिल होने की हामी भरी हैं, लेकिन उन्होंने हल निकलने की कोई उम्मीद नहीं है। पहले भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) के नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां ने कहा, ‘‘हम सरकार के साथ कल बातचीत करेंगे। हमें शुक्रवार की बैठक से ज्यादा उम्मीद नहीं है, क्योंकि सरकार उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित पैनल का हवाला देगी। सरकार की हमारी समस्या सुलझाने की कोई अच्छी मंशा नहीं है।”

उन्होंने कहा कि, “किसान संघों को कोई समिति नहीं चाहिए। हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और हमारे फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए।” 

26 जनवरी को होगी ट्रैक्टर रैली 

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, “26 जनवरी को किसान देश का सिर ऊंचा करेंगे। दुनिया की सबसे ऐतिहासिक परेड होगी। एक तरफ से जवान चलेगा और एक तरफ से किसान चलेगा। इंडिया गेट पर हमारे शहीदों की अमर ज्योति पर दोनों का मेल मिलाप होगा।” उन्होंने कहा, “बातचीत के लिए हम तैयार हैं। सरकार कृषि क़ानूनों को वापस ले, इसी संबंध में शुक्रवार को मुलाकात होगी।”

सरकार के व्यवहार पर तय होगी रणनीति 

क्रांति किसान यूनियन के प्रमुख दर्शन पाल ने कहा, “हम सरकार के साथ कल की बैठक में जाएंगे। हम तय करेंगे कि सरकार कैसे व्यवहार करेगी, इसके आधार पर आगे क्या करना है। एक समिति (कृषि कानूनों की समीक्षा के लिए) सदस्य पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं जो अच्छी बात है।”