ट्रैक्टर परेड को पुलिस की मंजूरी, हिंसा फ़ैलाने पाक से बने 300 से अधिक ट्विटर अकाउंट

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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने रविवार को दावा किया कि गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) को बाधित करने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) से 300 से अधिक ट्विटर खाते बनाए गए हैं। ट्रैक्टर परेड से संबंधित विस्तृत योजना के संबंध में विशेष पुलिस आयुक्त (Special Commissioner of Police) (खुफिया) दीपेंद्र पाठक ने कहा कि,”मंगलवार को गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के संपन्न होने के बाद कड़ी सुरक्षा में ट्रैक्टर परेड निकाली जाएगी।”

पाठक ने प्रेसवार्ता में कहा, ”किसानों की ट्रैक्टर परेड को बाधित करने के लिए पाकिस्तान से 13 से 18 जनवरी के दौरान 300 से भी अधिक ट्विटर अकाउंट बनाए गए हैं। इस संबंध में विभिन्न एजेंसियों से एक ही प्रकार की जानकारी प्राप्त हुई है। यह हमारे लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा। हालांकि, गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच ट्रैक्टर परेड निकाली जाएगी।”

तीन जगहों से निकलेगी परेड 

दीपेंद्र पाठक ने कहा, “ट्रैक्टर रैली दिल्ली से टिकरी, सिंघू और गाजीपुर सीमाओं में प्रवेश करेगी और अपने मूल बिंदुओं पर वापस आ जाएगी। सिंघू से, यह कंझावला, बवाना, औचंदी सीमा, केएमपी एक्सप्रेसवे से गुजरेगा और फिर सिंघू वापस आएगा।” उन्होंने कहा, “टिकरी सीमा से, यह नागलोई तक जाएगा और नजफगढ़, पश्चिमी परिधीय एक्सप्रेसवे से होकर गुजरेगा। गाजीपुर सीमा से, रैली 56 फुट की सड़क पर जाएगी और कुंडली-गाजियाबाद-पलवल एक्सप्रेसवे से गुजरते हुए अपने मूल बिंदु पर वापस आ जाएगी।”

सिर्फ ट्रैक्टर अंदर लेकर आएं

पूर्व आप नेता और स्वराज इंडिया प्रमुख ने कहा, “दिल्ली पुलिस की तरफ से आधिकारिक रूप से 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाज़त मिल गई है। जितने भी साथी अपनी ट्रोलियां लेकर बैठें है। मैं उनसे अपील करता हूं कि सिर्फ ट्रैक्टर दिल्ली के अंदर लेकर आएं, ट्रोलियां न लेकर आएं।” 

उल्लेखनीय है कि नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, जिनमें से अधिकतर पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं। किसान संगठनों का आरोप है कि नए कृषि कानूनों से मंडी और एमएसपी खरीद की व्यवस्था समाप्त हो जाएंगी तथा किसान बड़े कॉरपोरेट घरानों की दया पर निर्भर हो जाएंगे।

इससे पहले पुलिस ने किसान संगठनों के नेताओं से राष्ट्रीय राजधानी से बाहर ट्रैक्टर परेड निकालने का अनुरोध किया था लेकिन वे दिल्ली के बाहरी रिंग रोड पर ही परेड के लिए अड़े हुए थे। पुलिस और किसानों के बीच हुई चौथे दौर की बातचीत में दोनों पक्षों के बीच परेड पर सहमति बनी थी।