दिल्ली पुलिस ने हिंसा फैलाने के लिए योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर सहित 37 पर दर्ज की FIR

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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) में हिंसा (Violence) पर बड़ा कदम उठाया है। पुलिस ने हिंसा फैलाने और उकसाने का ज़िम्मेदार बताते हुए मेधा पाटकर (Megha Patkar), बूटा सिंह (Boota Singh), योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) सहित 37 लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की है। एफआईआर में कहा गया है कि,”इन लोगों ने गणतंत्र परेड को बाधित करने के लिए किसानों की रैली और आपसी रूप से सहमत मार्ग का पालन नहीं करने के लिए उकसाया।”

ज्ञात हो कि, गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के लिए किसान नेताओं और दिल्ली पुलिस के बीच 37 बिंदुओं को लेकर समझौता हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने रैली की अनुमति दी थी। लेकिन रैली शुरू होते ही किसान संगठनों ने शुरू हंगामा कर करना शुरू कर दिया और बॉर्डर पर लगे बैरिकेट को तोड़कर दिल्ली में प्रवेश कर गए इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिस वालों पर पत्थर और डंडे बरसाए और लालकिला पहुंच कर एक धर्म विशेष का झंडा लगा दिया।

हिंसा के लिए पुलिस जिम्मेदार 

दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर किसान नेता गुरमान सिंह चदूनी ने दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार बताया है। सोनीपत स्थित हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर सभा को संबोधित करते हुए हुआ चदूनी ने कहा, “हमने पहले की दिल्ली पुलिस से रैली के दौरान हिंसा करने आशंका जताई थी। लेकिन फिर भी दीप सिंधु जैसे लोग पहुंचे और आंदोलन को ख़राब करने का काम किया।” 

शामिल हर आंदोलन में हुई हिंसा 

किसान आंदोलन पहले आंदोलन नहीं है, जब इन नेताओं के शामिल होने के बाद हिंसा हुई है 2014 के बाद देश में खासकर राजधानी दिल्ली में जितने भी आंदोलन हुए और उसमें हिंसा हुई जैसे नागरिकता कानून के विरोध में हिंसा, जेएनयु हिंसा, जामिया हिंसा सहित अन्य सभी में इन नेताओं का समावेश रहा है