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नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कृषि विधेयक (Agriculture Bill) को लेकर फैलाएं  जारहे झूठ को लेकर हमला बोला हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “कुछ राजनीतिक दलों द्वारा झूठ फैलाकर, देश की जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास किया जा रहा है. कृषि बिल 2020 पूरी तरह से किसान हितैषी और उनकी आय में वृद्धि करने के लिये उठाया गया मोदी सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है.”

दरअसल, मोदी सरकार ने लोकसभा से गुरुवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 ((Agricultural Produce Trade and Agriculture (Promotion and Facilitation) Bill-2020) और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) (Farmers (Empowerment and Protection)) को पास करवा लिया है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इस विधेयक का विरोध कर रही है. इसी के साथ इसे किसानों को ख़त्म करने वाला काला कानून बता रही है. 

तोमर ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी (Narendra Modi) की प्राथमिकता में हमेशा गाँव, गरीब व किसान रहा है. उनके द्वारा लिया गया हर फैसला देश हित में होता है. किसान बिल 2020 भी इसी दिशा में किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने वाला है.”

कृषि मंत्री ने लोगों से विधेयक के विरोध में फैलाए जा रहे झूठ को पहचानने और उससे सावधान रहने को कहा. उन्होंने विधेयक के खिलाफ़ फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने के लिए बिल के प्रावधानों भी बताया. जिसके अनुसार 

  • ये बिल एपीएमसी अधिनियम जो की राज्यों का एक अधिनियम है उसे बिलकुल प्रभावित नहीं करता.
  • कृषि बाजारों के बाहर होरहे व्यापर को यह कानून कवर करेगा.
  • किसानों की भूमि की बिक्री लीज या गिरवी रखना पूरी तरह से निषिद्ध और किसनों की भूमि भी रिकवरी से सुरक्षित है.
  • निवारण के लिए स्पस्ट समयसीमा के साथ प्रभावी विवाद संसाधन तंत्र प्रदान किया गया है. 
  • कई दशकों से कई राज्यों द्वारा अनुबंध 2 खेती लागू किया गया है. जैसे – पंजाब और प . बंगाल में पेप्सिको , हरियाणा में बड़े SAB मिलर.
  • पंजाब , तमिलनाडु , ओडिशा ने भी वत्म अलग – अलग अनुबंध खेती अधिनियम पारित किए हैं.
  • UPA सरकार ने भी अनुबंधित रखेती को बढ़ावा दिया और राज्यों को इसे लागू करने के लिए राजी किया.
  • MSP के सुरक्षा जाल के साथ ये बिल उन विकल्पों को जोड़ेंगे जो किसानों के पास हैं.
  • कंपनियों के साथ बिक्री के लिए प्रत्यक्ष समझौते कर सकेंगे.
  • खरीदार अच्छी फसल उपज के लिए आवश्यक साधन के लिए जिम्मेदार होगा
  • कृषि मशीनरी और उपकरणों की व्यवस्था खरीदार द्वारा की जाएगी. खरीदार किसान को तकनीकी सलाह देगा और फसल जोखिम के लिए जिम्मेदारी लेगा.
  • कृषि बिल से MSP प्रभावित नहीं होगा , MSP प्रणाली जारी रहेगी.
  • किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने के लिए ये अतिरिक्त व्यापारिक अवसर.
  • मोदी सरकार में किसानों के लिए MSP का कुल भुगतान बढ़ा है, धान 2.4 गुना , गेहूं 1.71 गुना , दलहन 75 गुना.