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मुंबई, महाराष्ट्र का चुनावी द्वन्द फिर अपने चरम पर है। इस बार इसका केंद्रबिंदु कांग्रेस और दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी है। ताजा प्रकरण में महाविकास अघाड़ी के मंत्री और एनसीपी के नेता जीतेंद्र

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मुंबई, महाराष्ट्र का चुनावी द्वन्द फिर अपने चरम पर है। इस बार इसका केंद्रबिंदु कांग्रेस और दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी है। ताजा प्रकरण में महाविकास अघाड़ी के मंत्री और एनसीपी के नेता जीतेंद्र आव्हाड ने कांग्रेस और इंदिरा गांधी पर आरोप लगते हुए कहा कि उन्होंने भी लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयत्न किया था। इतना ही नहीं  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर भी तंज कसे। 

महाराष्ट्र के बीड में आयोजित संवैधानिक रक्षा महासभा में अपने उद्बोधन में आव्हाड ने कहा कि, "अपने समय में इंदिरा गांधी ने भी लोकतंत्र कागला घोंटा था। लोकतंत्र का इस प्रकार अपमान करने के बाद भी कोई भी उनके खिलाफ बोल नहीं सकता था"। उन्होंने आगे कहा कि " इसी के चलते अहमदाबाद और पटना में जेपी आंदोलन की शुरुआत हुई, जिसके चलते इंदिरा गाँधी हार गयी थी। जल्द ही महाराष्ट्र और देश में इतिहास फिर वापस दोहराया जायेगा"। 

बीड में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को भी आड़े हाथो लेते हुए कहा कि "यह लोग देश में हिटलरशाही की स्तिथि पैदा कर रहे हैं, लेकिन जल्द ही छात्रों का एक और आंदोलन खड़ा होगा जो देश को इन लोगो से स्वतंत्रता दिलायेगा । इस कार्यक्रम में बीजी कोल पाटिल, तीस्ता सीतलवाड़, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना अबू तालिब रहमानी और जेएनयू की छात्र दीपशिखा धर भी प्रमुख रूप से मौजूद थे। 

विदित हो की इसके पहले भी ठाणे में हुए एक रैली को संबोधित करते हुए जीतेंद्र आव्हाड ने राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के देशभर में लागू होने को लेकर विवादित बयान दिया था की "क्या अब दिल्ली सरकार मुझसे मेरे देशवासी होने का सबूत मांगेगी "? उन्होंने मोदी-शाह पर बिना नाम लेते हुए बोलै था कि " जब तुम्हारे पूर्वज अंग्रेजों के आगे-पीछे घूम रहे थे तब हमारे पूर्वज फांसी के तख्त को चूमकर इंकलाब जिंदाबाद का परचम लहरा रहे थे"। विदित हो की जीतेंद्र आव्हाड इसके पहले मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन के दौरान कश्मीर को चाहिए आजादी का प्लाकार्ड दिखाने को लेकर भी सुर्खियों में थे।