नापाक पाकिस्तान की एक और हरकत, कुलभूषण मामले को अन्य मामले से जोड़ रहा

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नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Ministry of External Affairs) ने एक बाद फिर पाकिस्तान (Pakistan) की नापाक हरकत को उजागर किया है. गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव (Anurag Shrivastav) ने कहा, “पाकिस्तान कुलभूषण जाधव के मामले को एक और मामले से जोड़ने की कोशिश कर रहा है. नियमित रूप से कांसुलर अभ्यास में, शाहनवाज़ नून को एक भारतीय कैदी, मोहम्मद इस्माइल की रिहाई के लिए एक मामले में हमारे उच्चायोग का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था.” 

पाकिस्तान के दबाव में नून ने कही बात 

श्रीवास्तव ने कहा, “इस्माइल के मामले की कार्यवाही के दौरान, पाक अटॉर्नी जनरल ने जाधव से संबंधित मामले को उठाया, हालांकि ये दोनों मामले आपस में जुड़े नहीं हैं. दोपहर को हमारे सीडीए के बारे में उन बयानों की सूचना दी गई है जो सच नहीं हैं और इस मामले में हमारे स्टैंड के उल्लंघन में हैं.”

प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव में कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि नून ने पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के दबाव में ऐसा बयान दिया जिसके लिए उसके पास कोई अधिकार नहीं है। दोपहर को बताया गया कि उनके पास भारत सरकार या कुलभूषण जाधव का प्रतिनिधित्व करने का कोई अधिकार नहीं है.”

चीन की हरकतों पर निगाह 

चीन ब्रह्मपुत्र पर मेगा जल विद्युत परियोजना बनाने की योजना बनाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा, ” ब्रह्मपुत्र में हो रहे विकास पर सरकार निगरानी कर रही है. पानी के स्थापित उपयोगकर्ता के अधिकारों के साथ निचले तटवर्ती इलाके होने के चलते हम लगातार चीन के सामने अपनी बातें रख रहे हैं.”

मंत्रालय ने आगे कहा, “हमने उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि अपस्ट्रीम क्षेत्रों में गतिविधियों से डाउनस्ट्रीम राज्यों के हित को नुकसान न पहुंचे. चीनी पक्ष ने कई मौकों पर हमें अवगत कराया कि वे केवल नदी जल विद्युत परियोजनाओं का संचालन कर रहे हैं, जिसमें ब्रह्मपुत्र के पानी का डायवर्जन शामिल नहीं है.”

श्रीवास्तव ने कहा, “हमने चीन के साथ ट्रांसबॉर्डर नदियों को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की है. कूटनीतिक माध्यमों के साथ-साथ हम 2006 में स्थापित एक्सपर्ट लेवल के तंत्र के तहत हम चीन से ट्रांसबॉर्डर नदियों से जुड़े मुद्दों पर बात कर चुके हैं। अपने हितों की रक्षा के लिए हम आगे भी चीन के साथ बातचीत में बने रहेंगे.”

भारत का विरोध कायम 

श्रीवास्तव ने कहा, “हमने पीओके में आजाद पट्टान जलविद्युत परियोजना से संबंधित समझौतों के समापन के बारे में मीडिया रिपोर्टों को देखा है. हमने अपने पाकिस्तान द्वारा अवैध और जबरन कब्जे के तहत भारतीय क्षेत्रों में सामग्री परिवर्तन लाने के प्रयास पर मजबूत विरोध को व्यक्त किया है.”

अभी चर्चा का दौर शुरू है 

गणतंत्र दिवस पर इंग्लैंड के प्रधानमंत्री जोनसन बोरिस के आमंत्रण किए जाने के सवाल पर मंत्रालय ने कहा,”गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के बारे में घोषणा आयोजन के करीब है. इसलिए जब इस संबंध में कुछ साझा करना होगा तो हमें ऐसा करने में खुशी होगी.”