Armed forces were asked to forcefully deal with any of China's aggressive positions on the LAC

Loading

नई दिल्ली. चीन के साथ लगती 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात सशस्त्र बलों को चीन के किसी भी आक्रामक बर्ताव का ‘‘मुंह तोड़” जवाब देने की ‘‘पूरी आजादी” दी गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ लद्दाख में हालात पर उच्च स्तरीय बैठक के बाद सूत्रों ने यह जानकारी दी। रक्षा मंत्री के साथ इस बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने हिस्सा लिया। सूत्रों ने बताया कि सिंह ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों को जमीनी सीमा, हवाई क्षेत्र और रणनीतिक समुद्री मार्गों में चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए और चीनी सैनिकों के किसी भी दुस्साहस का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए ‘‘सख्त” रुख अपनाने को कहा है।

सूत्रों ने बताया कि सशस्त्र बलों को दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की सेना के किसी भी प्रकार के आक्रामक रवैए से निपटने के लिए पूरी स्वतंत्रता दी गई है। उन्होंने कहा कि सेना और भारतीय वायु सेना ने चीन के किसी भी दुस्साहस से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए एलएसी पर अपनी अभियानगत तैयारियों को पहले ही तेज कर दिया है। गौरतलब है कि 15जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे और कम से कम 76 सैनिक घायल हो गए थे। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।(एजेंसी)