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अयोध्या. आज यानी शुक्रवार को अयोध्या (Ayodhya) में  भव्य एवं दिव्य दीपोत्सव मनाया जायेगा। दिवाली के उपलक्ष्य में आज अयोध्‍या में 5 लाख 51 हजार दीये जलाए जाने का कार्यक्रम है। इसके साथ ही आज अयोध्या आज फिर अपने ही विश्व रिकॉर्ड को तोडने वाला है। आज इस ख़ास कार्यक्रम के लिए अयोध्या की जनता खासी उत्साहित है।

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इस भव्य कार्यक्रम में भाग लेने के लिए देश भर से लोग आज अयोध्या पहुंचे हैं। वहीं आज इस दीपोत्‍सव के लिए अयोध्या दुल्हन की तरह सजाई गयी है। हालाँकि कोरोना को देखते हुए उत्तरप्रदेश सरकार ने इस आयोजन में शामिल होने के लिए लोगों से सीमित संख्या में पहुंचने की अपील भी की थी लेकिन श्रद्धालुओं की भावनाओं को रोकना अब मुश्किल होता दिख रहा है।

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क्या हैं आज के कार्यक्रम:

आज सुबह 10 बजे साकेत महाविद्यालय से भगवान राम के जीवन पर आधारित ग्यारह रथ एक साथ निकलेंगे। इन रथों में गवान राम के जीवन पर आधारित अलग-अलग तरह की प्रदर्शनी लगी होगी जो  साकेत महाविद्यालय से नया घाट राम की पैड़ी तक जाएगी।

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इसके बाद आज दोपहर 3 बजे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अयोध्या पहुंचेंगे। इसके बाद दोपहर 3 बजकर 10 मिनट पर वह राम जन्मभूमि स्थल पर पहुंचेंगे और राम लला के दर्शन कर दीप प्रज्वलित करेंगे। इसके साथ ही जन्मभूमि स्थल पर भी 11 हजार दिये जलेंगे। मुख्यमंत्री योगी राज्यपाल राम कथा पार्क में भी जायेंगे।

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इसके बाद शाम 4 बजे राम, सीता और लक्ष्मण; हनुमान को हेलिकॉप्टर से राम कथा पार्क में लाया जाएगा जहां पर राज्यपाल व मुख्यमंत्री योगी उनका स्वागत और माल्यार्पण करेंगे।

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 इसके बाद फिर शाम 5 बजे राम कथा पार्क में स्थित मंच पर मुख्यमंत्री योगी और राज्यपाल भगवान राम व सीता और लक्ष्मण हनुमान को लेकर जायेंगे। जहां पर भरत मिलाप और राजगद्दी का कार्यक्रम होने वाला है। इसके बाद इनकी आरती उतारी जाएगी और शाम 5:30 बजे मुख्यमंत्री योगी का संबोधन भी होगा।

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इसके बाद शाम 6 बजे योगी राम कथा पार्क से सरयू घाट पर पहुंचेंगे।  जहां पर वे सरयू आरती में शामिल होंगे और फिर 6:15 बजे दीपोत्सव का शुभारंभ भी करेंगे। उसके बाद मुख्यमंत्री योगी व राज्यपाल वापस राम कथा पार्क में आकर आगे के कार्यक्रम को देखेंगे और फिर वे रात्रि विश्राम अयोध्या में ही करेंगे।

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क्या है दिवाली और भगवान् राम का सम्बन्ध:

अगर हम पौराणिक कथाओं में जाए तो हम पाएंगे कि त्रेतायुग भगवान श्रीराम के नाम से यह अधिक पहचाना जाता है। महाबलशाली राक्षसेन्द्र रावण को पराजित कर 14 वर्ष वनवास में बिताकर राम के अयोध्या आगमन पर सारी नगरी दीपमालिकाओं से सजाई गई थी और तब से यह यह पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक दीप-पर्व बन गया।