नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने बुधवार को बाबरी विध्वंस मामले (Babri Demolition Case) में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत द्वारा सभी आरोपियों को बरी किये जाने के फैसले के तत्काल बाद वयोवृद्ध भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) से उनके आवास पर मुलाकात की। मालूम हो कि आडवाणी इस मामले के 32 आरोपियों में एक थे। प्रसाद राम जन्मभूमि मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में बतौर वकील भी पेश हो चुके हैं।
Delhi: Law & Justice Minister Ravi Shankar Prasad arrives at the residence of senior BJP leader Lal Krishna Advani who, along with 31 other accused, was acquitted in #BabriMasjid demolition case by Special CBI Court in Lucknow today. pic.twitter.com/oNHImAWP7i
— ANI (@ANI) September 30, 2020
आडवाणी को भी इस मामले में अदालत में मौजूद होने का कहा गया था लेकिन उम्र और कोरोना वायरस महामारी के चलते वह न्यायालय में हाजिर नहीं हो सके। अदालत के फैसले के बाद 92 वर्षीय आडवाणी अपने कमरे से बाहर निकले और ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए मीडिया का अभिवादन किया। अदालत जब अपना फैसला सुना रही थी उस वक्त आडवाणी अपने परिवार के सदस्यों के साथ टेलीविजन देख रहे थे।
उनकी पुत्री प्रतिभा आडवाणी, उनका हाथ पकड़े हुईं थी। यह मामला छह दिसंबर 1992 को बाबारी ढांचा ध्वस्त करने से संबंधित था। विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.के. यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी।