जाने क्या है बाल दिवस का इतिहास और चाचा नेहरू से जुडी कहानी

वर्ष 1925से बाल दिवस मनाया जाने लगा था। जिसके बादयूएन ने 20नवंबर 1954को बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी। विभिन्न देशों में अलग-अलग तारीखों पर बाल दिवस मनाया जाता है। भारत में

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वर्ष 1925 से बाल दिवस मनाया जाने लगा था। जिसके बाद यूएन ने 20 नवंबर 1954 को बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी। विभिन्न देशों में अलग-अलग तारीखों पर बाल दिवस मनाया जाता है। भारत में बाल दिवस 1964 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद से मनाया जाने लगा। सर्वसहमति से ये फैसला लिया गया कि नेहरू के जन्मदिन पर बाल दिवस मनाया जाएगा। उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था। यही वजह है कि बच्चे आज भी उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते हैं। नेहरू कहते थे कि बच्चे देश का भविष्य है इसलिए ये जरूरी है कि उन्हें प्यार दिया जाए और उनकी देखभाल की जाए जिससे वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें।

भारत में हर साल 14 नवंबर को बड़े ही उत्साह के साथ बाल दिवस मनाया जाता है।बच्चों के प्रति जवाहर लाल नेहरू के प्यार और लगाव को देखते हुए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।27 मई 1964 को पंडित जवाहरलाल नेहरु के निधन के बाद बच्चों के प्रति उनके प्यार को देखते हुए सर्वसम्मति से यह फैसला हुआ कि अब से हर साल 14 नवंबर को चाचा नेहरू के जन्मदिवस पर बाल दिवस मनाया जाएगा और बाल दिवस कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
जैसा कि हमने आपको बताया कि पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बेहद प्यार करते थे और यही वजह है कि उन्होंने अपने जन्म दिवस को बाल दिवस के रूप में घोषित कर दिया था। उनका मानना था कि बच्चों के विकास के लिए एक दिन उन्हें बाकी पढ़ाई से अलग कुछ कार्यक्रमों में शामिल करना चाहिए, जिससे कि उनका पूर्ण रूप से विकास हो सके। नेहरू जी यह बात मानते थे कि सिर्फ पढ़ाई से बच्चों का पूरा विकास नहीं हो सकता। इसके लिए बेहद जरूरी है कि बच्चों का मानसिक विकास भी हो, शारीरिक विकास भी हो और उन्हें कई गतिविधियों में शामिल किया जाए, इसीलिए इस दिन विशेष रूप से बच्चों के लिए कई कार्यक्रम एवं खेल-कूद के आयोजन भी होते हैं।
 
साथ ही पंडित नेहरू यह भी मानते थे कि बच्चे देश का भविष्य हैं। वे ऐसे बीज के समान हैं, जिन्हें दिया गया पोषण उनका विकास और गुणवत्ता निर्धारित करेगा। यही कारण है कि इस दिन बच्चों से जुड़े विभिन्न मुद्दों, जैसे शिक्षा, संस्कार, उनकी सेहत, शारीरिक विकास हेतु कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाता है। कई प्रतियोगिताएं होती हैं, ताकि बच्चों की क्षमता और प्रतिभा को निखारा जा सके और उन्हें बढ़ावा मिले। यह बेहद जरूरी है कि बच्चों की सोच का विकास किया जाए। 
इस दिन को चाचा नेहरू के लिए याद किया जाता है। पं. जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बेहद लगाव और प्रेम था। इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रतिवर्ष उनके जन्मदिन को ‘बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।यह दिन स्कूल में, घर में और बच्चों के साथ होने वाली हर गतिविधि में सहभागी होते है। बच्चे खुश रहें और इस दिन की खासियत को समझ सकें, इसलिए बच्चे इस दिन की खासियत के बारे में जाने और वे ज्यादा से ज्यादा गतिविधियों में शामिल भी होते है।