BARC accused Republic TV of misrepresenting private messages

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मुंबई: टेलीविजन दर्शकों की रेटिंग एजेंसी बीएआरसी (BARC) इंडिया ने रिपब्लिक टीवी (Republic India) पर उसके निजी एवं गोपनीय संदेश गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है और कहा है कि टीआरपी रेटिंग (TRP Rating) की कथित हेरफेर की जांच को लेकर उसने कोई टिप्पणी नहीं की है। प्रसारण दर्शक अनुसंधान परिषद (बीएआरसी) ने एक बयान में कहा कि वह टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (टीआरपी)  (TRP) में हेरफेर मामले में चल रही जांच को लेकर कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग कर रही है।

उल्लेखनीय है कि रिपब्लिक टीवी ने दावा किया था कि बीएआरसी ने एक ईमेल में कहा है कि चैनल (रिपब्लिक टीवी) किसी भी कथित कदाचार में शामिल नहीं है। इसपर बीएआरसी ने ने कहा, ‘‘बीएआरसी इंडिया, रिपब्लिक नेटवर्क द्वारा निजी एवं गोपनीय संचार का खुलासा किये जाने और उसको गलत तरीके से पेश किये जाने से बहुत निराश है।”

उसने कहा कि ‘‘बीएआरसी इंडिया बार-बार इस बात को दोहराती है कि उसने वर्तमान में चल रही जांच पर कोई टिप्पणी नहीं की है। वह रिपब्लिक नेटवर्क के बर्ताव पर अपना असंतोष व्यक्त करती हैं” बीएआरसी की शिकायत पर मुंबई पुलिस, टीआरपी रेटिंग में हेरफेर के आरोपों की जांच कर रही है। रिपब्लिक टीवी उन चार चैनलों में से एक है जिनकी जांच की जा रही है।

बीएआरसी का यह बयान तब आया है जब रिपब्लिक टीवी ने एजेंसी के सीईओ सुनील लुल्ला और रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ विकास खानचंदानी के बीच हुई एक ईमेल बातचीत का खुलासा किया। टीवी नेटवर्क की वेबसाइट के अनुसार, खानचंदानी ने 16 अक्टूबर को बीएआरसी को एक ईमेल लिखा था।

वेबसाइट के मुताबिक, ‘‘बीएआरसी ने 17 अक्टूबर को खानचंदानी के ईमेल का जवाब दिया, जिसमें उसने बीएआरसी बीएआरसीके आंतरिक तंत्र में विश्वास के लिए नेटवर्क को धन्यवाद दिया और कहा कि ‘अगर एआरजी आउटलायर मीडिया (रिपब्लिक नेटवर्क का स्वामित्व रखने वाली कंपनी) के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई, तो बीएआरसी इंडिया आपकी प्रतिक्रिया के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ आपको इसके बारे में सूचित करेगा।”

उसमें कहा गया, ‘‘इस प्रकार, इस ई-मेल से साबित होता है कि बीएआरसी ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के खिलाफ किसी भी तरह के अनाचार का आरोप नहीं लगाया है।” बीएआरसी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, रिपब्लिक टीवी के मालिक अर्नब गोस्वामी ने पीटीआई-भाषा से कहा, बीएआरसी का ईमेल पुष्टि करता है कि पुलिस आयुक्त ने झूठ बोला था। (मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह) को तुरंत पद छोड़ देना चाहिए। गौरतलब है कि पुलिस ने इस मामले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है।