लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) बरेली (Bareily) जिले में धर्मांतरण प्रतिषेध कानून के तहत पहला मामला (FIR) दर्ज किया गया। अधिकारियों ने बताया कि मामला बरेली जिले के देवरनियां थाने में शनिवार को दर्ज किया गया। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की ओर से रविवार को जारी बयान के अनुसार देवरनियां पुलिस थाने (बरेली) के अंतर्गत शरीफ़ नगर गांव के टीकाराम ने यह मामला दर्ज कराया है, जिसमें उसने उसी गांव के एक व्यक्ति – उवैश अहमद पर उसकी बेटी को ‘‘बहला फुसलाकर” धर्मांतरण की कोशिश करने का आरोप लगाया।
The first case under Uttar Pradesh Prohibition of Unlawful Conversion of Religion Ordinance, 2020 has been registered at Deorania police station in Bareilly wherein a man is accused of trying to forcibly convert a girl’s faith & threaten her: Prashant Kumar ADG (Law & Order) https://t.co/UAHEyfOeoy pic.twitter.com/zX4gyJkFFd
— ANI UP (@ANINewsUP) November 29, 2020
उवैश अहमद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और नए जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ‘उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020′ को शनिवार को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पिछले मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी गई थी। इसमें विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।