पणजी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कद्दावर नेता भैयाजी जोशी ने गोवा में आयोजित एक बैठक में कहा है कि बीजेपी का विरोध करना हिंदुओं का विरोध नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा
पणजी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कद्दावर नेता भैयाजी जोशी ने गोवा में आयोजित एक बैठक में कहा है कि बीजेपी का विरोध करना हिंदुओं का विरोध नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा बीजेपी का अपना एक अलग राजनीतिक संघर्ष है और इसे हिन्दुओं से नहीं जोड़ा जाये। उन्होंने यह भी कहा कि विरोध तो छत्रपति शिवाजी महाराज का भी हुआ था और राजनीति में यह आम बात है।
गोवा के पणजी में आयोजित आरएसएस की एक बैठक में जोशी से यह प्रश्न किया गया था कि क्या हिंदू अपने ही समुदाय के दुश्मन बन गए हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि "ऐसा कुछ भी नहीं है। बीजेपी का विरोध करना, हिंदुओं का विरोध करना नहीं है। बीजेपी का अलग राजनीतिक संघर्ष है जो जारी रहेगा और इसे हिन्दुओं से नहीं जोड़ा जाये।"वहीं भैयाजी जोशी ने यह भी कहा कि हिन्दू एक दूसरे से इसीलिए लड़ रहे हैं क्योंकि वह शायद अपना धर्म भूल गए हैं। विरोध तो फिर छत्रपति शिवाजी महाराज को भी अपने परिवार में करना पड़ा था। हमें यह मानना पड़ेगा कि जहाँ भी भ्रम और आत्म केंद्रित व्यवहार रहेंगे वहां विरोध होना ही है।
Suresh Bhaiyyaji Joshi, Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) general secretary in Goa: Hindu community does not mean Bharatiya Janata Party, and opposing BJP does not amount to opposing Hindus. Political fight will continue but it should not be linked to Hindus. pic.twitter.com/XBal0PM9zF
— ANI (@ANI) February 9, 2020
अपने वक्तव्य में उन्होंने यह भी कहा कि "अगर किसी व्यक्ति-विशेष को देशहित में काम करना है तो उसे निसंदेह हिंदुओं के लिए भी काम करना होगा।" हालाँकि उन्होंने फिर इसपर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यह नहीं माना जाये कि वह किसी समुदाय विशेष के खिलाफ है, लेकिन वह यह कहना चाहते हैं कि प्राथमिक रूप से पहले काम हिंदुओं के लिए होना चाहिए। विदित हो कि भैयाजी जोशी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के शीर्ष चेहरों में से एक हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभिन्न कार्यक्रमों में वह इसके पहले भी अपने राजनीतिक और स्वैछिक विचार रखते आये हैं।