नयी दिल्ली. मोदी सरकार (Narendra Modi) द्वारा लाये गए विवादस्पद कृषि कानूनों (Farm Law) के खिलाफ आज भी किसानों विरोध (Farmers Agitation) प्रदर्शन अपने पुरे उफान पर है और अब यह लगातार बड़ा रूप अख्तियार करता जा रहा है। किसानों जहाँ अब यह तीनों कृषि कानूनों (Farm Law) की वापसी की मांग कर रहा है, वहीं इसके लिए किसानों द्वारा आगामी 8 नवंबर को भारत बंद (Bharat Bandh) बुलाया गया है।
Farmers’ protest against the farm laws enters Day 12 at Singhu border (Haryana-Delhi border); heavy police force deployed. pic.twitter.com/q7sAsUglcC
— ANI (@ANI) December 7, 2020
लेकिन अब भारत बंद से पहले आज भी किसानों का अपना हल्ला बोल जारी है। वहीं दूसरी तरफ अब मोदी सरकार लगातार विचार मंथन में जुटी हुई है। इसके साथ ही किसानों को अब राजनीतिक दलों, फिल्मी हस्तियों समेत अन्य राजनीतिक दलों का भी सहयोग मिल रहा है।
इधर अब किसानों के आंदोलन के समर्थन में आज कई बड़े अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अपने अवॉर्ड वापस करने की कवायद कर सकते हैं। आज दोपहर दो बजे दिल्ली प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बुलाई गई है, जिसमें करीब 30 खिलाड़ी अपने अवॉर्ड वापसी का ऐलान करेंगे। गौरतलब है कि बीते दिन बॉक्सर विजेंद्र सिंह (Vajinder Singh) ने भी खेल रत्न (Khel Ratna) लौटाने की बात कही थी। उनसे पहले पंजाब में कई सम्मानीय लोग सम्मान लौटा चुके हैं।
Delhi: Farmers continue to camp at Singhu border (Haryana-Delhi border) to protest against the farm laws.
The farmers’ protest at Singhu border, against Central Government’s Farm laws, entered 12th day today. pic.twitter.com/MAiekrZMvG
— ANI (@ANI) December 7, 2020
कौन कौन सी पार्टियां कर रहीं है बंद का समर्थन:
किसानों द्वारा ‘भारत बंद’ कांग्रेस, टीआरएस (TRS), द्रमुक (DMK), शिवसेना (ShivSena), सपा (SP), राकांपा(NCP) और आप (AAP) ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के ‘भारत बंद’ के आह्वान के प्रति अपना समर्थन जताया। इन विपक्षी पार्टियों से पहले शनिवार को तृणमूल कांग्रेस, राजद और वाम दलों ने भी बंद का समर्थन किया था। दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने भी बंद का समर्थन किया है।
कौन कौन से हैं प्रमुख दल बंद के समर्थन में:
भारत बंद के समर्थन में प्रमुख दल:
- कांग्रेस
- लेफ्ट पार्टियां (CPM, CPI व अन्य)
- द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK)
- आम आदमी पार्टी (AAP)
- तृणमूल कांग्रेस (TMC)
- समाजवादी पार्टी (SP)
- तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS)
- राष्ट्रीय जनता दल (RJD)
- शिरोमणि अकाली दल (SAD)
- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)
- गुपकार गठबंधन
- ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)
वहीं इन उपरोक्त राजनीतिक दलों से अलग कई व्यापारिक यूनियनों और संगठनों ने भी भारत बंद का समर्थन किया है।
जिनमे से कुछ के नाम इस प्रकार से हैं:
- ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमिटी (AIKSCC)
- ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)
- इंडियन नैशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC)
- हिंद मजदूर सभा (HMS)
- ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (AIUTUC)
- सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU)
- ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर (TUCC)
- ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयीज असोसिएशन (AIBEA)
- ऑल इंडिया बैंकिंग ऑफिसर्स असोसिएशन (AIBOA)
- इंडियन नैशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (INBOC)
कहाँ कहाँ होगा बंद का असर:
- सिर्फ जरूरी सेवाओं को छोड़कर शायद हर तरफ भारत बंद का असर दिखने को मिल सकता है।
- आगामी 8दिसंबर को ‘भारत बंद’ वाले दिन, देशभर में चक्का जाम की पुरजोर तैयारी।
- रेल सेवाओं को भी प्रभावित करने की होगी कोशिश।
- कृषि बहुल इलाकों में होगा बंद का व्यापक असर।
- बाजार से लेकर सामान्य जनजीवन पर भी बुरा असर पड़ने की पूरी संभावना रहेगी।
- सड़कें जाम होने पर सप्लाई चेन्स और ट्रांसपोर्ट सर्विसेज भी होंगी बाधित।
- किसानों का वादा इमर्जेंसी और जरूरी सेवाओं पर नहीं होगा बंद का असर।