मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) को भीमा कोरेगांव (Bhima Koregaon) आयोग के सामने जल्द पेश होने को कहा है। शरद पवार को महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) द्वारा गठित जांच आयोग के सामने 2 अगस्त को बयान दर्ज करने के लिए समन जारी किया है। आयोग उन कारणों की जांच कर रहा है जिसके कारण महाराष्ट्र में 2018 भीमा कोरेगांव हिंसा हुई थी।
न्यूज़ एजेंसी ANI के अनुसार, आयोग के वकील आशीष सातपुते ने कहा है कि, महाराष्ट्र सरकार द्वारा नियुक्त जांच आयोग भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में एनसीपी के शरद पवार का बयान दर्ज करेगा। गवाहों के बयान 2 अगस्त से दर्ज किए जाएंगे और ऐसे में शरद पवार को भी तलब किया जाएगा।”
Maharashtra govt-appointed Inquiry commission will record statement of NCP’s Sharad Pawar in the Bhima Koregaon violence case. Witnesses’ statements to be recorded from August 2 & Pawar will be summoned as well: Ashish Satpute, Inquiry Commission Lawyer
— ANI (@ANI) July 9, 2021
1 जनवरी 2018 को वर्ष 1818 में हुई कोरेगांव-भीमा की लड़ाई को 200 साल पूरे हुए थे। इस दिन पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव में दलित समुदाय के लोग पेशवा की सेना पर ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की जीत का जश्न मनाते हैं। 2018 में इस दिन दलित संगठनों ने एक जुलूस निकाला था, जिस दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पुलिस का आरोप है कि, 31 दिसंबर 2017 को हुए एल्गार परिषद सम्मेलन में भड़काऊ भाषणों और बयानों के कारण भीमा-कोरेगांव गांव में एक जनवरी को हिंसा भड़की।
बताया जा रहा है कि, जांच आयोग ने शरद पवार के अलावा तत्कालीन पुणे ग्रामीण के एसपी सुवेज हक, तत्कालीन एसपी संदीप पखाले, पुणे तत्कालीन कमिश्नर रवींद्र सेनगांवकर और तत्कालीन कलेक्टर सौरभ राव को भी तलब किया है।