Changes in the Essential Commodities Act to benefit farmers, Kolkata Port Trust was renamed

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट (Cabinet) की बैठक हुई. इस बैठक में उत्पादन क्षेत्र के लिए बड़ा फैसला लिया गया. जिसमें 10 उत्पादन क्षेत्र को दो लाख करोड़ रुपए प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया. इस बात की जानकरी आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Jawadekar) और निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने दी. 

जावड़ेकर ने कहा, “PM की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई. मोदी सरकार ने आज ये फैसला लिया है कि 10 उत्पादन के प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. राशि लगभग दो लाख करोड़ रुपए दी जाएगी. इससे उत्पादन, निर्यात और रोज़गार बढ़ेगा.”

आत्मानिभर भारत को साकार करने का महत्वपूर्ण कदम

कैबिनेट में लिए निर्णय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “10 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना के कैबिनेट के फैसले से विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा, भारत को पसंदीदा निवेश गंतव्य बनाते हुए युवाओं को अवसर मिलेगा. यह हमारी प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार लाने और एक आत्मानिभर भारत को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.”

भारतीय विनिर्माताओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएलआई योजना विनिर्माताओं को प्रोत्साहन देगी और देश को ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य की ओर ले जाएगी. मंत्रिमंडल ने सामाजिक बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाओं को निवेश के लिहाज से व्यावहारिक बनाने के लिये वित्त पोषण योजना का दायरा बढ़ाने का भी निर्णय किया. यह योजना फिलहाल आर्थिक बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं के लिये ही है.

सीतारमण ने आगे कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने दो महत्वपूर्ण निर्णय किये…दोनों से अर्थव्यवस्था को जरूरी गति मिलेगी….। ये भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बनाने में मददगार होंगी.” उन्होंने कहा कि, “पीएलआई योजना से सरकार की तरफ से जरूरी समर्थन के रूप में महत्वपूर्ण उभरते क्षेत्रों को प्रोत्साहन मिलेगा.”

पीएलआई योजना के तहत जिन 10 क्षेत्रों को प्रोत्साहन दिया जाएग, उसमें एडवांस कैमेस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी शामिल हैं। इस क्षेत्र को 18,100 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा। अन्य क्षेत्र इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी उत्पाद (5,000 करोड़ रुपये), वाहन और वाहन कल-पुर्जे (57,042 करोड़ रुपये), औषधि (15,000 करोड़ रुपये), दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पाद (12,195 करोड़ रुपये), कपड़ा उत्पाद (10,683), खाद्य उत्पाद (10,900), उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मोड्यूल्स (4,500 करोड़ रुपये), रेफ्रिजरेटर,वाशिंग मशीन जैसे उत्पाद (व्हाइट गुड्स) (6,238 करोड़ रुपये) और विशेष प्रकार के इस्पात (6,322 करोड़ रुपये) हैं.”

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार 10 क्षेत्रों के लिये घोषित पीएलआई योजना पर अगले पांच साल में 1,45,980 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। इससे पहले, 51,311 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मजूरी दी गयी थी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस योजना से भारतीय विनिर्माण क्षेत्र वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी होगा, संबंधित क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी, दक्षता सुनिश्चित होगी, निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का अभिन्न हिस्सा बनेगा

पीएलआई योजना का क्रियान्वयन संबंधित मंत्रालय/विभाग करेंगे. व्यक्तिगत क्षेत्रों के लिये पीएलआई को लेकर अंतिम प्रस्ताव का आकलन व्यय वित्त समिति (ईएफसी) करेगी और उसे मंजूरी मंत्रिमंडल देगा.