नई दिल्ली. देश में किसानों के साथ-साथ विपक्ष द्वारा किसान बिल का काफी विरोध किया जा रहा है। इस बीच मोदी सरकार को बड़ा झटका लगा है। बीजेपी के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने किसान बिल के विरोध में एनडीए से नाता तोड़ दिया है।
Shiromani Akali Dal (SAD) has decided to pull out of BJP-led NDA alliance because of the centre’s stubborn refusal to give statutory legislative guarantees to protect assured marketing of farmers crops on MSP & its continued insensitivity to Punjabi & Sikh issues: SAD pic.twitter.com/lC3xHczDm2
— ANI (@ANI) September 26, 2020
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कृषि विधेयकों के विरोध में शनिवार रात को भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने की घोषणा की। यहां पार्टी की कोर समिति की बैठक के बाद उन्होंने यह घोषणा की।
Shiromani Akali Dal core committee decides unanimously to pull out of the BJP-led #NDA because of the Centre’s stubborn refusal to give statutory legislative guarantees to protect assured marketing of crops on #MSP and its continued insensitivity to Punjabi and #Sikh issues. pic.twitter.com/WZGy7EmfFj
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) September 26, 2020
सुखबीर ने कहा, ‘‘शिरोमणि अकाली दल की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई कोर समिति की आज रात हुई आपात बैठक में भाजपा नीत राजग से अगल होने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया।’’ इससे पहले राजग के दो अन्य प्रमुख सहयोगी दल शिवसेना और तेलगु देशम पार्टी भी अन्य मुद्दों पर गठबंधन से अलग हो चुके हैं।
एनडीए के साथ गठबंधन पंजाब के हित में नहीं – हरसिमरत कौर
शिरोमणि अकाली दल की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर ने राजग से अलग होने के बारे में कहा कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार ने पंजाब की ओर से आंखें मूंद ली हैं। उन्होंने कहा कि यह वह गठबंधन नहीं है जिसकी कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कल्पना की थी।
If Pain & Protests of 3 cr punjabis fail to melt the rigid stance of GoI, it's no longer the #NDA envisioned by Vajpayee ji & Badal sahab. An alliance that turns a deaf ear to its oldest ally & a blind eye to pleas of those who feed the nation is no longer in the interest of Pb. https://t.co/OqU6at00Jx
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) September 26, 2020
हरसिमत कौर ने कृषि विधेयकों के विरोध में हाल में कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘जो अपने सबसे पुराने सहयोगी दल की बातों को अनसुना करे और राष्ट्र के अन्नदाताओं की याचनाओं को नजरंदाज करे, वह गठबंधन पंजाब के हित में नहीं है।”
राजग से अलग होना शिअद की राजनीतिक मजबूरी – अमरिंदर सिंह
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राजग से अलग होने के अकाली दल के फैसले को बादल परिवार के लिए ‘‘राजनीतिक मजबूरी” बताया। उन्होंने कहा कि कृषि विधेयकों को लेकर भाजपा द्वारा शिअद की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने के बाद बादल के पास कोई और विकल्प नहीं रह गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के फैसले के पीछे कोई नैतिक आधार नहीं है।
Clearly @Akali_Dal_ was left with no choice after @BJP4India exposed that @Officeofssbadal and his SAD were fully party to Anti-Farmer legislations. The end of the coalition is only an outcome of 3 months of deceit…of defending the indefensible and misguiding the Punjab farmer.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) September 26, 2020
उन्होंने कहा कि भाजपा ने कृषि विधेयकों को लेकर किसानों को नहीं मना पाने के लिए अकाली दल को जिम्मेदार ठहराया था जिसके बाद उनके पास और कोई विकल्प नहीं रह गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के भाजपा नीत सत्तारुढ़ दल ने शिअद के झूठ और दोहरे रवैये को सामने ला दिया। उन्होंने कहा कि चेहरा बचाने की इस कवायद में अकाली दल और भी बड़ी राजनीतिक मुश्किल में फंस गया है जिसमें अब उनके लिए पंजाब के साथ-साथ केंद्र में भी कोई जगह नहीं बची।