प. बंगाल में बीजेपी को बड़ा झटका, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने एनडीए का छोड़ा साथ

Loading

कोलकाता. पंजाब और बिहार के बाद अब पश्चिम बंगाल में भी भाजपा को बड़ा झटका लगा है। शिरोमणि अकाली दल, लोजपा के बाद पश्चिम बंगाल में भाजपा के सहयोगी ‘गोरखा जनमुक्ति मोर्चा’ ने एनडीए छोड़ने का फैसला किया है। पिछले कुछ वर्षों से फरार जीजेएम के अध्यक्ष बिमल गुरुंग ने यह घोषणा की।

गुरुंग ने कहा, “हम एनडीए से बाहर हो रहे हैं क्योंकि भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने अपने वादों को पूरा नहीं किया। 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में हम ममता बैनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी का समर्थन करेंगे और भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे।”

उन्होंने कहा, “गोरखालैंड की हमारी मांग अभी भी कायम है और हम इस मांग को जारी रखेंगे। यही हमारा लक्ष्य है। इसलिए आगामी होने वाले चुनावों में हम उस पार्टी का समर्थन करेंगे जो इस मांग को स्वीकार करेगी, ऐसी घोषणा भी बिमल गुरुंग ने की।”

पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है। गुरुंग ने यहां संवाददताओं से कहा कि उनका संगठन तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगा और 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव भगवा पार्टी के खिलाफ लड़ेगा। करीबी सहयोगी रोशन गिरि के साथ सामने आए गुरुंग ने कहा कि केंद्र सरकार 11 गोरखा समुदायों को अनुसूचित जनजाति के तौर पर चिन्हित करने के अपने वादे को पूरा करने में नाकाम रही है। उन्होंने 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ मुकाबले में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस का समर्थन करने का संकल्प जताया।

पिछले दिनों शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा का साथ छोड़ दिया था। हालांकि संसद में जीजेएम के एक भी सांसद नहीं है। गुरुंग ने यहां एक होटल में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘2009 से ही हम राजग का हिस्सा रहे हैं लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने पहाड़ के लिए स्थायी राजनीतिक समाधान निकालने का अपना वादा नहीं निभाया। उसने अनुसूचित जनजाति की सूची में 11 गोरखा समुदायों को शामिल नहीं किया। हम ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं इसलिए आज हम राजग छोड़ रहे हैं।” 

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) नेता गुरंग ने कहा कि पहाड़ छोड़ने के बाद वह तीन साल नयी दिल्ली में रहे और दो महीने पहले झारखंड चले गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आज मैं गिरफ्तार हो गया तो कोई दिक्कत नहीं।” आंदोलन में कथित तौर पर हिस्सा लेने के लिए गुरुंग के खिलाफ 150 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे। सूत्रों के मुताबिक गुरुंग पिछले एक महीने से तृणमूल कांग्रेस के संपर्क में थे। घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि वह गोरखालैंड की मांग का समर्थन करती है या नहीं । तृणमूल कांग्रेस को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि वह गुरुंग के खिलाफ आपराधिक मामलों को वापस लेगी या नहीं। 

क्या इस फैसले से बीजेपी को नुकसान होगा?

बताया जा रहा है कि,गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के फैसले से वहां भाजपा का वोट बैंक प्रभावित हो सकता है। बिमल गुरुंग के एनडीए छोड़ने के फैसले से बीजेपी को नुकसान होगा। पश्चिम बंगाल के उत्तरी पहाड़ी इलाकों में भाजपा के कम से कम 10 सीटों का नुकसान हो सकता है।