भाजपा ने कहा, लोजपा है ‘वोट कटवा’, दूर-दूर तक हमारा कोई रिश्ता नहीं

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नयी दिल्ली. भाजपा (BJP) ने बिहार (Bihar) में सत्तारूढ़ राजग से नाता तोड़कर अलग चुनाव लड़ने वाली लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) (Lok Janshakti Party) के विरूद्ध शुक्रवार को आक्रामक मुद्रा अपनाते हुए उसे न सिर्फ ‘‘वोट कटवा” करार दिया बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि राज्य विधानसभा चुनाव (State Assembly Election) में भगवा पार्टी (Bhagawa Party) की कोई ‘‘बी, सी या डी टीम” नहीं है।

भाजपा नेताओं ने दावा किया कि लोजपा अपना अस्तित्व बचाने के लिए ‘‘झूठ और भ्रम” की राजनीति कर रही है जो सफल नहीं होगी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की दो तिहाई बहुमत से जीत होगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान द्वारा गठित लोजपा की कमान अब उनके सांसद पुत्र चिराग पासवान के हाथों में हैं। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जनता दल (यूनाइटेड) से सैद्धांतिक मतभेदों का हवाला देते हुए बिहार में अलग चुनाव लड़ने की घोषणा की है।

पासवान केंद्र की राजग सरकार में मंत्री थे और उनकी पार्टी इसका हिस्सा रही है। इसके बावजूद भाजपा नेताओं ने लोजपा पर आज चौतरफा हमला बोला। अपने आवास पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘‘चिराग पासवान ने बिहार में अपना अलग रास्ता चुना है और वो हमसे अलग होकर चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का नाम लेकर वह भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। यह झूठी बयानबाजी सफल नहीं होगी।” उनके इन प्रयासों की निंदा करते हुए जावड़ेकर ने स्पष्ट किया कि बिहार चुनाव में भाजपा की कोई ‘‘बी, सी या डी टीम” नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी एक ही मजबूत टीम है और वह है..भाजपा, जद(यू), हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी)। चार दलों का हमारा गठबंधन राजग मजबूती से चुनाव लड़ रहा है। तीन चौथाई बहुमत से विजयी होगी और हम कांग्रेस, राजद और माले के अपवित्र गठबंधन को हराएंगे।” उन्होंने कहा, ‘‘चिराग की पार्टी एक वोट कटवा पार्टी रह जाएगी। बहुत ज्यादा असर नहीं नहीं डाल सकेगी चुनाव पर। हम साफ करना चाहते हैं कि दूर-दूर तक हमारा कोई रिश्ता नहीं है। भ्रम की राजनीति हमें पसंद नहीं है।”

‘‘वोट कटवा” का प्रयोग सामान्यत: उस राजनीतिक दल या उम्मीदवार के लिए किया जाता है जो चुनाव तो नहीं जीत सकता लेकिन वोट काटकर किसी दूसरे दल के प्रत्याशी का हरा सकता है। उल्लेखनीय है कि लोजपा के नेता और चिराग पासवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ करते रहे हैं जबकि नीतीश कुमार पर वह निशाना साधते रहते हैं। इसकी वजह से चर्चा आम है कि भाजपा और लोजपा के बीच अंदरूनी साठगांठ हैं। 

भाजपा महासचिव व बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव को भी ट्वीट कर इस सिलसिले में सफाई पेश करनी पड़ी। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी के नाम के इस्तेमाल पर चिराग पासवान भ्रम पैदा करना चाहते हैं। बिहार चुनाव में राजग में ‘भाजपा-जद(यू)-वीआईपी व हम’ गठबंधन में हैं। लोजपा से न हमारा गठबंधन है, न ही चुनाव में वह राजग का हिस्सा है।” उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘चिराग को न भ्रम में रहना चाहिए, न भ्रम पालना चाहिए और न भ्रम फैलाना चाहिए।” यादव ने चिराग द्वारा नीतीश कुमार के खिलाफ दिए गए बयानों को ‘‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और उन्हें याद दिलाया कि राजग में रहते हुए उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा और सांसद बने। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि फरवरी में दिल्ली में वह बिहार सरकार की तारीफों के पुल बांध रहे थे लेकिन अचानक छह महीने में ऐसा क्या हो गया कि अब वह बिहार सरकार पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अब (वह) निजी स्वार्थ में झूठ की राजनीति कर रहे हैं!”

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लोजपा अपने अस्तित्व को बचाने के लिए चुनाव लड़ रही है जबकि भाजपा और उसके सहयोगी बिहार की स्थिरता और लोकतंत्र के लिए लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जिस प्रकार से लोजपा के नेताओं द्वारा आज सुबह से नाना प्रकार के इंटरव्यू भिन्न-भिन्न जगहों पर दिए जा रहे हैं, वह अपने आप में बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हम इसकी निंदा करते हैं।”

उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में लोकतंत्र, विकास और स्थिरता के लिए ये चुनाव लड़ा जा रहा है। जहां हम एक तरफ अपनी पार्टी की स्थिरता, बिहार की स्थिरता और लोकतंत्र के लिए चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं लोजपा अपने अस्तित्व के लिए चुनाव लड़ रही है।” गौरतलब है कि चिराग पासवान ने गुरुवार को कहा था कि बिहार में विधानसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जद (यू) से अलग होने में कोई संबंध नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार ने उनके पिता का राज्यसभा चुनाव के दौरान अपमान किया था। चिराग ने कहा था कि उन्होंने जदयू के खिलाफ विद्रोह नहीं किया। बल्कि पार्टी ने गठबंधन के साथियों को उचित हिस्सा देने से इनकार कर दिया था। बिहार विधानसभा चुनाव तीन चरणों में 28 अक्टूबर (71 सीटों), 3 नवंबर (94 सीटों) और 7 नवंबर (78 सीटों) पर होगा। मतगणना 10 नवंबर को होगी। (एजेंसी)