लखनऊ. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की मोहम्मदाबाद सीट से भाजपा विधायक (BJP MLA) अलका राय (Alka Rai) ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा (Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra ) को एक पत्र लिखकर अपने पति के हत्यारोपी रहे बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को कांग्रेस शासित पंजाब की जेल से अदालतों में पेशी पर भेजने में कथित हीलाहवाली की शिकायत करते हुए अंसारी को सजा दिलाने में मदद की गुजारिश की है। अलका वर्ष 2005 में गाजीपुर के भांवरकोल इलाके में हुए सामूहिक हत्याकांड में मारे गए तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी हैं।
इस मामले में गाजीपुर से बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का नाम मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आया था। वह इस वक्त पंजाब की मोहाली जेल में बंद हैं। अलका ने मंगलवार को लिखे पत्र में प्रियंका से शिकायत की है कि कांग्रेस और पंजाब में उसकी सरकार मुख्तार अंसारी को खुला संरक्षण दे रही है। उत्तर प्रदेश की विभिन्न अदालतों से अंसारी (Mukhtar Ansari) को तलब किया जा रहा है लेकिन पंजाब सरकार कोई ना कोई बहाना बनाकर उन्हें पेशी पर नहीं भेज रही है।
उन्होंने आरोप लगाया “कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाली पंजाब सरकार (Punjab government) बेहद निर्लज्जता से अंसारी के साथ खुलकर खड़ी है। यह बात कोई भी नहीं मानेगा कि यह सब कुछ प्रियंका और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की जानकारी के बगैर हो रहा है।” भाजपा विधायक ने प्रियंका को लिखे पत्र में कहा “आप खुद भी एक महिला हैं। ऐसे में मेरा आपसे विनम्रता से सवाल है कि आप ऐसा क्यों कर रही हैं? यह बेहद खेद जनक है कि आप और आपकी पार्टी मुख्तार जैसे घिनौने अपराधियों के साथ खुलकर खड़ी है।”
उन्होंने पत्र में कहा “मीडिया के माध्यम से मुझे पता चला है कि जब उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) की गाड़ियां मुख्तार अंसारी को लेने मोहाली गईं तब पंजाब सरकार ने उसे बचाने के लिए तीन महीने का बेड रेस्ट दे दिया। आज पूरे उत्तर प्रदेश की जनता के मन में यह सवाल है कि मुख्तार को लेकर उठ रहे सवालों पर प्रियंका और राहुल खामोश क्यों हैं? आखिर वोट बैंक की मजबूरी में आप क्यों एक कुख्यात अपराधी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।”
गौरतलब है कि नवंबर 2005 में गाजीपुर के भांवर कोल इलाके में हुए सामूहिक हत्याकांड में मोहम्मदाबाद सीट से तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय (Krishnanand Rai) समेत सात लोग मारे गए थे। इस वारदात में मुख्तार अंसारी समेत आठ लोगों का नाम सामने आया था। हालांकि, सीबीआई की विशेष अदालत (CBI Special Court) ने इस मामले में पिछले साल जुलाई में सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया था।(एजेंसी)