Amit Shah

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (Jagat Prakash Nadda) के काफिले पर हुए हमले को लेकर केंद्र और ममता सरकार (Central And Mamta Government) में तनाव और बढ़ा गया है। हमले को लेकर तलब किए गए राज्य के डीजीपी और मुख्य सचिव के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry Of Home Affairs) ने शनिवार को तीन आईपीएस (IPS) अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली वापसी बुला लिया है। 

गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा कि केंद्र से जो तीन अधिकारी जो प्रमोशन के तहत पश्चिम बंगाल में नियुक्ति दी गई हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से राज्य शासन से केंद्र में वापिस नियुक्ति दी जाती है।”

राज्य में इमरजेंसी की स्थिति बनाने की कोशिश

केंद्र की इस निर्णय पर तृणमूल कांग्रेस ने हमला बोला है। पार्टी नेता और सांसद कल्याण बैनर्जी ने इस आदेश को राज्य में राज्य में इमरजेंसी की स्थिति बनाने की कोशिश बताया है। उन्होंने कहा, “गृहमंत्रालय राज्य के आइपीएस और आइएएस को आतंकित कर रहे हैं। वह अधिकारियों को डेपुटेशन कर नियुक्ति राज्य में दवाब बनाने की राजनीति हैं।”

ममता बैनर्जी भाजपा नेताओं पर ईंट बरसा रही  

बंगाल प्रभारी कैलाश विजय वर्गीय ने ट्वीट कर मामला बैनर्जी पर हमला बोला। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “पश्चिम बंगाल में ममता बैनर्जी भाजपा नेताओं पर ईंट बरसा रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा पर भी हमले की साजिश रची गई! लेकिन, भाजपा की अपनी रीति-नीति है, हम अपनी सहिष्णुता नहीं छोड़ते। हम ईंट का जवाब फूल से देंगे। हमारा ‘कमल’ राज्य को नई पहचान देगा।

ज्ञात हो कि 10 दिसंबर को जेपी नड्डा के काफिले पर टीएमसी का झंडा पकडे लोगों ने ईंट और पत्थर से हमला कर दिया था। उस समय वह ममता बैनर्जी के भतीजे अभिषेक बैनर्जी के संसदीय क्षेत्र डायमंड हार्बर में आयोजित एक सभा को संबोधित करने जारहे थे।

इस हमले में नड्डा तो बच गए लेकिन उनके साथ आरहे पार्टी महासचिव और बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय की गाड़ियों के शीशे टूट गए। इस दौरान दोनों नेताओं को भी चोट लगी. विजयवर्गीय की एक ऊँगली में फ्रैक्टर आया। इसी  उनका ड्राइवर भी हमले में घायल होगया।