नई दिल्ली: फोन टैपिंग को लेकर कांग्रेस पार्टी (Cpngress) के केंद्र सरकार (Central Government) पर जासूसी का आरोप लगाया है। विपक्षी दलों द्वारा लगाए आरोप पर भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta party) ने पूरी तरह बेबुनियाद बताया है। सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) ने लगाए आरोप के टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा, “भाजपा के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लगाए गए राजनीतिक औचित्य की निराधार और बेबुनियाद टिप्पणियों का जोरदार खंडन और निंदा करती है।”
उन्होंने कहा, “50 से अधिक वर्षों से भारत पर शासन करने वाली पार्टी के राजनीतिक विमर्श में यह एक नया निचला स्तर है।”
भारत को निशाना बनाया जा रहा
प्रसाद ने कहा, “अजीब स्थिति है। कंपनी (एनएसओ ग्रुप) इसका खंडन कर रही है (पेगासस प्रोजेक्ट रिपोर्ट में निष्कर्ष) और कह रही है कि उसके अधिकांश उत्पादों का उपयोग पश्चिमी देशों द्वारा किया जा रहा है लेकिन भारत को निशाना बनाया जा रहा है.”
टाइमिंग पर उठाया सवाल
भाजपा नेता ने रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा, “क्या नया माहौल बनाने के लिए मानसून सत्र से पहले ‘पेगासस’ की कहानी को तोड़ने की योजना थी? ‘द वायर’ (ऑनलाइन पोर्टल) का नाम भी सामने आया है। लेकिन क्या यह सच नहीं है कि उनकी कई कहानियां गलत पाई गई हैं?”
अमनेस्टी भारत विरोधी एजेंडा चला रही
प्रसाद ने दुनिया की समाचार एजेंसी पर हमला बोलते हुए कहा, “हम इस बात से इनकार कर सकते हैं कि एमनेस्टी जैसी संस्थाओं का कई मायनों में भारत विरोधी घोषित एजेंडा था? जब हमने उनसे कानून के अनुसार उनके विदेशी फंडिंग के बारे में पूछा तो वे भारत से हट गए।”
Can we deny that bodies like Amnesty had a declared anti-India agenda in many ways?
They withdrew from India when we asked them about their foreign funding as per law.
– Shri @rsprasad https://t.co/cskdjRruqW pic.twitter.com/QZpb0mBthl
— BJP (@BJP4India) July 19, 2021
खुलासा करने वालों ने खुद नहीं की पुष्टि
रविशंकर प्रसाद ने कहा, “ख़बर को ब्रेक करने वालों ने स्वयं यह दावा नहीं किया कि डेटाबेस में किसी विशेष संख्या की उपस्थिति इस बात की पुष्टि नहीं करती है कि यह पेगासस से संक्रमित है। राष्ट्र के सामने सभी तथ्यों को प्रकट करना सबसे महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने कहा, “हमारे आईटी मंत्री ने आज पुष्टि की कि इलेक्ट्रॉनिक संचार के वैध अवरोधन केवल भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 5 (2) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69 के प्रावधानों के तहत प्रासंगिक नियमों के अनुसार किए जा सकते हैं।”
ज्ञात हो कि, सोमवार को एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है इजराइली सॉफ्टवेयर पिगासुसु की मदद से देश भर के करीब 300 से ज्यादा लोगों की फ़ोन हैक कर उनकी जासूसी की गई है। जिन लोगों की जासूसी हुई है उनमें कई केंद्रीय मंत्री, विपक्षी नेता, पत्रकार और कई मीडिया कंपनी शामिल है।
इन्हीं रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर जासूसी का आरोप लगाया है। कांग्रेस पार्टी ने गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इसका मास्टरमाइंड बताया है। इसी के साथ शाह का इस्तीफा लेकर उनके और प्रधानमंत्री की जांच करने की मांग की है।