नई दिल्ली. चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के साथ कांग्रेस द्वारा साइन किए गए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर टिप्पणी करते हुए शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने ट्वीट कर लिखा कि साल 2008 में कांग्रेस और चीन की सीपीसी के बीच हुए करार पर सुप्रीम कोर्ट तक हैरान है। कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को इस पर सफाई देनी चाहिए।
भाजपा अध्यक्ष ने ट्वीट किया, “सुप्रीम कोर्ट भी कांग्रेस पार्टी और चीनी सरकार के बीच हुए समझौते से हैरान है। इस एमओयू पर दस्तखत करने वाली श्रीमती सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को सफाई देनी चाहिए। क्या इस समझौते की वजह से राजीव गांधी फाउंडेशन को डोनेशन मिला और बदले में चीन के लिए भारतीय बाजार को खोल दिया गया जिससे भारतीय कारोबार प्रभावित हुआ..?”
Even the SC is surprised at the MoU signed by the Congress party with the Chinese Gov…
Mrs Gandhi & her son, who led the signing, must explain.
Does this explain donations to RGF and opening Indian market for the Chinese in return, which affected Indian businesses? pic.twitter.com/hidmbcbO7Z— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) August 7, 2020
बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी नड्डा के ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दी और लिखा, “चीन के साथ जो विषय भारत का चल रहा था, उस समय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे पी जी ने कांग्रेस पार्टी को एक्सपोज किया था कि किस प्रकार से 2008 में सोनिया जी और राहुल गांधी दोनों लोग बीजिंग में जाकर शी जिनपिंग के साथ एक एमओयू साइन करते हैं।”
चीन के साथ जो विषय भारत का चल रहा था, उस समय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी ने कांग्रेस पार्टी को एक्सपोज किया था कि किस प्रकार से 2008 में सोनिया जी और राहुल गांधी दोनों लोग बीजिंग में जाकर शी जिनपिंग के साथ एक एमओयू साइन करते हैं: डॉ @sambitswaraj
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) August 7, 2020
एक अन्य ट्वीट में पात्रा ने लिखा, “कांग्रेस पार्टी जाकर चीन में एक करारनामा साइन करती है और उसमें वो कहती है कि सारे इंपोटेंट बाइलेट्रल क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषय आदान-प्रदान होंगे, हम सभी विषयों पर बात-चीत करेंगे। वाकई, ये सरप्राइजिंग है।”
कांग्रेस पार्टी जाकर चीन में एक करारनामा साइन करती है और उसमें वो कहती है कि सारे इंपोटेंट बाइलेट्रल क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषय आदान-प्रदान होंगे, हम सभी विषयों पर बात-चीत करेंगे।
वाकई, ये सरप्राइजिंग है: डॉ @sambitswaraj
— BJP (@BJP4India) August 7, 2020
दरअसल, कांग्रेस और चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के बीच वर्ष 2008 में हुए समझौते की एनआईए जांच की मांग याचिका पर शुक्रवार को देश के सर्वोच्च न्यायलय ने सुनाई करने से मना कर दिया।
इस बात पर याचिकाकर्ता पक्ष वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि यह गंभीर मामला है और राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा है। एक देश की पार्टी का दूसरे देश की पार्टी के साथ करार कोई मामूली बात नहीं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि, समिति ने कभी ऐसा अनुभव नहीं किया, कि किसी एक देश के राजनीतिक दल ने, किसी दूसरे देश की राजनीतिक पार्टी के साथ समझौता किया हो।