नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण एक और मील का पत्थर साबित हुआ है। यह परिष्कृत परिचालन क्षमता और अतिरिक्त स्वदेशी प्रौद्योगिकी को दर्शाने वाला है। सभी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाइयां।”
Brahmos Supersonic Cruise Missile has achieved yet another milestone with successful test launch showcasing enhanced operational capabilities and additional indigenous technologies. Congratulations to all the scientists and engineers. @DRDO_India @BrahMosMissile
— Narendra Modi (@narendramodi) September 30, 2020
भारत ने ओडिशा स्थित एक प्रक्षेपण स्थल से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया। कई स्वदेशी विशिष्टताओं से लैस इस मिसाइल को ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है। स्वदेशी बूस्टर और ‘एअरफ्रेम’ के साथ भारत में निर्मित अन्य उप-प्रणालियों जैसी विशिष्टताओं से लैस सतह से सतह पर मार करने वाली यह क्रूज मिसाइल बालासोर के पास चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) के परिसर तीन से दागी गई।
डीआरडीओ के अधिकारियों ने आज सुबह साढ़े दस बजे किए गए इस परीक्षण को ‘‘सफल” करार देते हुए कहा कि मिसाइल के प्रक्षेपण के दौरान सभी मानक प्राप्त कर लिए गए जिसकी मारक क्षमता 400 किलोमीटर से अधिक की है। ‘ब्रह्मोस लैंड अटैक क्रूज मिसाइल’ (एलएसीएम) 2.8 मैक की शीर्ष गति से रवाना हुई।
अत्याधुनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण स्वदेशी उपकरण क्षमता को मजबूत करने में एक और बड़ा कदम है। मिसाइल के पहले विस्तारित संस्करण का सफल परीक्षण 11 मार्च 2017 को किया गया था, जिसकी मारक क्षमता 450 किलोमीटर थी। तीस सितंबर 2019 को चांदीपुर स्थित आईटीआर से कम दूरी की मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल के जमीनी संस्करण का सफल परीक्षण किया गया था।(एजेंसी)