ब्रिटिश विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की, सामरिक संबंधों, नये टीका केंद्र स्थापित करने पर हुई चर्चा

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नयी दिल्ली: ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की जिसमें दोनों नेताओं ने कोविड संकट और ब्रेक्जिट बाद विश्व में भारत-ब्रिटेन संबंधों के विविध आयामों एवं संभावनाओं, सामरिक गठजोड़ क्लिनिकल ट्रायल के श्रेष्ठ अनुभवों को साझा करते हुए ‘नये टीका केंद्र’ स्थापित करने के बारे में चर्चा की।

बैठक के बाद मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि वह अगले महीने गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा को लेकर आशान्वित हैं । उन्होंने कहा, ‘‘ ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के साथ शानदार बैठक हुई । कोविड और ब्रेक्जिट बाद विश्व में भारत-ब्रिटेन संबंधों के विविध आयामों एवं संभावनाओं और सामरिक गठजोड़ के बारे में चर्चा की.”

ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय के बयान के अनुसार, विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के दौरान इस बात पर चर्चा की कि कैसे ब्रिटेन और भारत एक नए अग्रणी वैक्सीन हब के लिये काम कर रहे है जो नियमन और क्लिनिकल ट्रायल ​​के लिए सबसे उत्कृष्ट उदाहरण सामने रखेगा और नवोन्मेष को बढ़ावा देगा।

राब ने कहा कि कोरोनावायरस और अन्य घातक वायरसों का वैक्सीन देने के लिए भारत और ब्रिटेन के विशेषज्ञ एक नए वर्चुअल हब के माध्यम से भाग लेंगे। बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि “सीरम इंस्टीट्यूट और ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के बीच यह साझेदारी ब्रिटेन और भारत के बीच सबसे अच्छे संबंध को प्रदर्शित करती है । ब्रिटेन में विकसित और भारत में निर्मित वैक्सीन दुनिया में बेहतरी के लिए साझेदारी का प्रतीक है जो जीवन की रक्षा के लिए हमारे सबसे प्रतिभाशाली लोगों को एकसाथ ले कर आयी है ।”

उन्होंने कहा, “एक वैश्विक महामारी के लिए वैश्विक समाधान की आवश्यकता होती है। वैज्ञानिक सहयोग से कोरोनोवायरस का टीका विकसित करने में रिकॉर्ड गति से सफलता हासिल हुई है और अब इस विपत्ति को समाप्त करने और भविष्य की महामारियों से हम सभी की रक्षा करने के लिए इन नवोन्मेष के आधार पर ब्रिटेन-भारत वैक्सीन हब का निर्माण होगा।”

राब ने दिल्ली में एक क्लिनिक का भी दौरा किया जहाँ ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन वितरित होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। इस दौरान हमारे सामरिक गठजोड़ के विविध आयामों पर चर्चा हुई। ”

वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ टेलीफोन पर हुई चर्चा को याद करते हुए कोविड बाद की दुनिया में भारत-ब्रिटेन गठजोड़ के महत्व को रेखांकित किया । बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों की पूर्ण क्षमता का उपयोग करने के लिये कारोबार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा, आवागमन, शिक्षा, ऊर्जा, जनवायु परिवर्तन, स्वास्थ क्षेत्र को शामिल करते हुए 360 डिग्री परिणामोन्मुख खाका तैयार करने की बात कही ।

इसमें कहा गया है कि ब्रिटिश विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने इस बात पर जोर दिया कि ब्रिटिश सरकार भारत के साथ अपने संबंधों को काफी महत्व देती है जो साझा मूल्यों एवं हितों पर आधारित है। इस अवसर पर विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का एक पत्र सौंपा जिसमें उन्हें (मोदी) साल 2021 में ब्रिटेन की अध्यक्षता में होने वाले जी-7 बैठक में आमंत्रित किया गया ।

बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने उन्हें (राब) को धन्यवाद दिया और निमंत्रण स्वीकार किया । भारत और ब्रिटेन शैक्षणिक योग्यता को पारस्परिक मान्यता देने के उद्देश्य से संयुक्त कार्यबल के गठन के लिए सहमत हुए हैं और दोनों देशों ने शिक्षा, शोध और नवाचार के क्षेत्र में पारस्परिक सहभागिता को और बढ़ाने पर भी जोर दिया । इस संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के बीच बुधवार को हुई बैठक में निर्णय किया गया ।

शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, निशंक और ब्रिटिश विदेश मंत्री डोमिनिक राब के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने शिक्षा और शोध के क्षेत्र में अपनी साझेदारी को और मजबूत करने और अगले वर्ष से शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई।

गौरतलब है कि राब 14 से 17 दिसंबर तक की भारत यात्रा पर आए हैं। इस दौरान ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक की। मंगलवार को विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने अपने संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिये 10 वर्षो का महत्वाकांक्षी खाका तैयार करने पर सहमति व्यक्त की थी। दोनों देशों ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सामरिक सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी सहमति जतायी थी। दोनों पक्षों ने बैठक के दौरान विविध विषयों पर व्यापक चर्चा की थी। इस दौरान जयशंकर और राब ने कारोबारी गठजोड़ को आगे बढ़ाने के रास्तों पर चर्चा की जो भविष्य में मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है।

जयशंकर ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि दोनों पक्षों ने चार घंटे तक विविध विषयों पर व्यापक चर्चा की और इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि अपने द्विपक्षीय संबंधों को उच्च स्तर तक कैसे ले जाया जाए। इस दौरान कारोबार एवं समृद्धि, रक्षा एवं सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, लोगों से लोगों के बीच सम्पर्क, स्वास्थ्य सेवा जैसे पांच क्षेत्रों पर चर्चा हुई ।