नयी दिल्ली. निर्भया (Nirbhaya) के माता-पिता ने कहा है कि उनकी बेटी से बलात्कार (Rape) और हत्या मामले में दोषियों का अंजाम भले ही सब देख चुके हों, लेकिन देश की सड़कों पर महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखकर लगता है कि कुछ नहीं बदला है। यही विचार निर्भया की माँ ने रखे, उनका कहना था की भले ही उनकी बेटी को न्याय मिल गया हो पर अभी देश के दूसरी बेटियों के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
क्या कहा ‘निर्भया’ की माँ ने:
निर्भया की माँ आशादेवी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि, “भले ही मेरी बेटी को न्याय मिला पर इस न्याय के लिए हमे 8 साल लग गए। मेरी बेटी को न्याय मिला पर इसका मतलब यह नहीं की मैं चुप बैठूंगी। मैं सभी बलात्कार पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लडती रहूंगी। आह देश में सभी को एक साथ मिलकर बलात्कार के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है। भले ही मेरी बेटी को न्याय मिल गया हो पर अभी देश के दूसरी बेटियों के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी।” उनका यह भी कहना था कि, “सरकार और अदालतों को यह अब सोचने की ज़रूरत है कि केस के स्पष्ट होने में भी इसके न्याय में इतना समय क्यों लगा, और कानूनों में बदलाव करना चाहिए।”
It has been 8 years today since the heinous crime against my daughter was committed. Our case was clear & still it took 8 yrs to get justice. The govt & courts needs to think about why it took so long, and make changes to the laws: Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim https://t.co/LZizEc94se
— ANI (@ANI) December 16, 2020
क्या थी घटना:
गौरतलब है कि 16-17 दिसंबर 2012 की रात दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में छह लोगों ने 23 वर्षीय फिजियोथेरेपी इंटर्न के साथ बलात्कार किया और फिर उसे सड़क पर फेंक दिया। 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में उसकी मौत हो गई। पीड़िता को निर्भया के नाम से जाना गया। इस मामले में इसी साल छह में से चार दोषियों को मौत की सजा दे दी गई। दोषियों में से एक राम सिंह ने मामले की सुनवाई शुरू होने के कुछ ही दिन बाद तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि एक किशोर को तीन साल सुधार गृह में गुजारने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था।
क्या कहते हैं निर्भय के पिता:
निर्भया के पिता ने जघन्य बलात्कार मामले की आठवीं बरसी के मौके पर ‘सेव द चिल्ड्रन एंड युवा’ नामक एनजीओ द्वारा शुरू की गई ऑनलाइन याचिका में हिस्सा लिया है। उन्होंने कहा कि ”लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई।” उन्होंने एक बयान में कहा, ”आपने मेरे बारे में संभवत: कभी नहीं सुना होगा। मुझे लगता है कि आज आपको मेरी आवाज सुननी चाहिये। मेरा नाम बद्रीनाथ सिंह है। लेकिन 16 दिसंबर 2012 की रात के बाद से मुझे निर्भया के पिता के रूप में जाना गया। अब मुझे मेरे बाकी जीवन में इसी रूप में जाना जाएगा। ” निर्भया के पिता ने कहा, ”मुझे लगा था कि इस मामले के बाद हमारे देश में बदलाव आएगा। लेकिन जब मैं खबरें देखता हूं तो हर रोज एक बेटी पर बर्बरतापूर्ण हमले का नया मामला सामने आता है। कुछ नहीं बदला है। ”