केंद्रीय कैबिनेट ने लिया बड़ा निर्णय, अब हर गाँव में मिलेगा वाय-फाय का सिग्नल

Loading

नई दिल्ली: देश में डिजिटल इंडिया (Digital India) को मजबूत करने और जनता को इंटरनेट (Internet) की सुविधा देने के लिए मोदी सरकार (Modi Government) ने बड़ा निर्णय लिया है. जिसके तहत देश भर में प्रधानमंत्री वाय-फाय एक्सेस इंटरफेस (Prime Minister Wi-Fi Access Interface) योजना शुरू करने का निर्णय लिया है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट में यह निर्णय लिया गया. इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad)  ने आयोजित प्रेस वार्ता में दी.

प्रधानमंत्री का इरादा डिजिटल सशक्तिकरण

कैबिनेट निर्णय की जानकारी देते हुए प्रसाद ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विज़न हैं देश के डिजिटल सशक्तिकरण और देश को डिजिटली मज़बूत करने का। इसी क्रम में PM WANI (प्रधानमंत्री वाय-फाय एक्सेस इंटरफेस) देश में वाय-फाय के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम है।”

उन्होंने कहा, “इसके तहत सबसे पहले एक PDO (पब्लिक डाटा ऑफिस) खोला जाएगा। इस पब्लिक डाटा ऑफिस के लिए न कोई लाइसेंस होगा न कोई रजिस्ट्रेशन न ही कोई फीस। PDA (पब्लिक डाटा एग्रीगेटर) का काम है PDO का ऑथराइजेशन और अकाउंटिंग देखना।”

पब्लिक बूथ से बड़ी क्रांति  

केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा, “पब्लिक बूथ से बड़ी क्रांति ये होगी। गांव-गांव में लोगों के पास वाय-फाय होगा। PM-WANI डिजिटल बदलाव का बहुत बड़ा उपकरण बनने वाला है।”

असम और लक्ष्यदीप में नेटवर्क का विस्तार

रविशंकर ने कहा, “अरुणाचल और असम के दो ज़िले कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ को 4जी से कनेक्ट करने के लिए कैबिनेट ने USOF स्कीम को अप्रूव किया है। इसके अंतर्गत 2,374 गांव जिसमें 1683 अरुणाचल और 691 असम के दोनों जिलों से हैं। इनमें 1533 4जी मोबाइल टॉवर लगाए जाएंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “लक्षद्वीप में पर्यटन की असीम संभावनाओं को देखते हुए कोची से लक्षद्वीप के बीच सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी के लिए 1072 करोड़ रु. की राशि स्वीकृत की गई है। इसे 1000 दिन में पूरा करने का लक्ष्य है।”

देश में 1 करोड़ नए डाटा सेंटर खोलने की योजना

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “आज बैठक में देश में 1 करोड़ नए डाटा सेंटर खोलने की एक बड़ी योजना, लक्षद्वीप में अंडमान जैसी ब्रॉड बैंड कनेक्टिविटी की योजना और अरुणाचल के ऐसे इलाके जहां टेलीफोन की कोई सुविधा नहीं है वहां 4जी देने का निर्णय केंद्र सरकार ने किया.”