नागरिकता संशोधन कानून (CAA) नहीं छीनेगा किसी की नागरिकता: अमित शाह

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देशभर में विरोध का माहौल बना हुआ हैं। सरकार के इस फैसले के खिलाफ कई जगह प्रदर्शन कर रही हैं। इन सभी मुद्दों पर देश के गृह मंत्री अमित शाह से सरकार का पक्ष साफ़ करते

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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देशभर में विरोध का माहौल बना हुआ हैं। सरकार के इस फैसले के खिलाफ कई जगह प्रदर्शन हो रहा हैं। इन सभी मुद्दों पर देश के गृह मंत्री अमित शाह ने सरकार का पक्ष साफ़ करते हुए कई सवालों के जवाब दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 70 साल से छूटे सारे कामों को अब सरकार पूरा कर रही हैं। आने वाले समय में ऐसे और कई बड़े फैसले होने वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष केवल देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं। 

देश की आर्थिक व्यवस्था को लेकर शाह ने यह साफ किया की जल्द ही अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए सरकार बड़े कदम लेने वाली हैं। देश को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं और जल्द ही लोगो को विकास देखने को मिलेगा। इन सभी बड़े सवालों के जवाब गृह मंत्री अमित शाह ने टीवी टुडे नेटवर्क के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल के साथ एक इंटरव्यू में दिए है जिन्हे आप नीचे विस्तार से पढ़ सकते हैं।  

-नागरिकता संशोधन कानून (CAA) नहीं छीनेगा किसी की नागरिकता:
CAA  को लेकर देश भर में हो रहे प्रदर्शन को लेकर शाह ने बहुत सारी बाते साफ़ करने की कोशिश की हैं। उन्होंने यह स्पष्ट रूप से कहा है कि नागरिकता कानून के जरिए किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता नहीं जाने वाली है। चाहे व्यक्ति किसी भी धर्म का क्यों न हो। विपक्षी CAA को लेकर लोगों के मन में गलत धारणा फैला रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैं देश के सभी अल्पसंख्यक भाइयों-बहनों से कहना चाहता हूं कि इस एक्ट से आपको रत्ती भर भी नुकसान नहीं होने वाला है क्योंकि एक एक्ट से किसी की नागरिकता नहीं जाती है। एक्ट से सिर्फ नागरिकता देने का अधिकार है और जब किसी को नागरिकता देने का कानून है तो देश के मुस्लिम हों या हिंदू किसी को नागरिकता को लेकर डरने की जरूरत ही नहीं है।"

उन्होंने यह भी साफ़ कर दिया कि, मुख्यमंत्री नागरिकता संशोधन कानून को मना नहीं कर सकते है। संसद ने कानून बनाया है इसलिए पूरे देश को इसे मानना होगा। देश भर के जिन भी कॉलेजो में CAA को लेकर विरोध हो रहा है शाह ने उन सभी छात्रों से निवेदन किया है कि वह पहले CAA को ध्यान से पढ़े उसके बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचे। उन्हें बाद में फिर कोई दिक्कत समझ आती हैं तो सरकार उनकी पूर्णतः मदद करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस समेत विपक्षी दल  एकजुट होकर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ अफवाह फैला रहे हैं यह गलत हैं। 

-NRC में धर्म के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं:
NRC को लेकर अमित शाह से बहुत साफ़ करते हुए कहा कि धर्म के आधार पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। NRC के तहत जो भी भारत का नागरिक नहीं पाया जाएगा उन सभी लोगो को देश छोड़ना होगा। उन्होंने आगे यह भी कहा कि NRC केवल मुस्लिमों के लिए नहीं हैं। यह कहना की NRC उन्हें ही प्रभावित करेगी गलत हैं। उन्होंने कहा कि देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था जो की नहीं होना चाहिए था। कांग्रेस ने ऐसा होने दिया और देश धर्म के आधार पर बट गया। बहुत बड़ी संख्या में लोग मारे भी गए। इस दौरान बहुत से मुसलमान यहां रह गए। उन्हे यहां कोई खतरा नहीं है, लेकिन बहुत सारे हिंदू, सिख, जैन वहां रह गए, लेकिन उनकी चिंता सबको है। शाह ने आकड़ो को बताते हुए कहा कि पाकिस्तान में 3 प्रतिशत हिंदू रह गए हैं।

जबकि 1950 में  दिल्ली में नेहरू और लियाकत अली खान में समझौता हुआ था कि  दोनों देश अपने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने 70 सालों में अल्पसंख्यकों का ध्यान रखा होता तो यह करने की नौबत नहीं आती।नागरिकता कानून को लेकर शाह ने आश्वासन दिया है कि यह किसी तरह से किसी को नुक्सान नहीं पहुंचाएगा। इस कानून में किसी की नागरिकता वापस नहीं ली जाएगी। यह कानून तीन देशों से धार्मिक प्रताड़ना के कारण आए हुए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है। इन 3 देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान शामिल हैं।  

-महाराष्ट्र में कैसे फेल हुए कॅल्क्युलेशन:
शाह से महाराष्ट्र की राजनीति पर जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि गड़बड़ शुरू हुई शिवसेना के मुख्यमंत्री बनने के मोह से, वरना यह सवाल कभी खड़ा ही नहीं होता। हमारी 106 सीटे थी और उनकी 55 अगर गठबंधन की सरकार बनती तो हम गवर्नर के पास जाते और भाजपा का मुख्यमंत्री बन जाता। पवार जी ने शिवसेना के आगे दाने डाले और शिवसेना ने उन्हें चोंच में ले लिए गड़बड़ वहां से शुरू हुई। उन्होंने आगे कहा कि गलती हमारी तरफ से नहीं उनकी तरफ से हुई हैं। देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे यह हम हमेशा से बोलते आ रहे थे। 

चुनाव के पहले शिवसेना ने कभी अपना मुख्यमंत्री बनाने की बात नहीं कही एकाएक वह मुख्यमंत्री पद चाहने लगे। हमें इससे भी एक सीख मिल गई हैं। शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद चाहिए था, जिसके लिए उन्होंने अपनी विचारधारा छोड़ दी तो हम कुछ नहीं कर सकते। हमारे लिए यह कोई बड़ी बात नहीं हैं। हम विपक्ष में बैठे हैं और वहां भी अपना काम पूरी शिद्दत से कर रहे हैं। रही अजित पवार के साथ सरकार बनाने कि बात तो वह कोई चूक नहीं थी। हमने सरकार बनाने की पूरी कोशिश की लेकिन हम नहीं बना पाए क्योंकि हमारा साथी भाग गया। 

-अमित शाह देश के अगले प्रधानमंत्री?
पूछे जाने पर की क्या वह देश के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं? उन्होंने सीधे तौर से इस बात को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी में कई वरिष्ठ नेता हैं जो मुझसे आगे हैं। साथ ही पार्टी में फैसला पार्टी के द्वारा ही किया जाता हैं। उन्होंने कहा कि अभी तो हम सब ही मोदी जी के पीछे हैं। देश की सफलता और नए भारत की सोच को आगे बढ़ाने में हम उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि मैं मेरे काम को पूरी निष्ठा से करने की कोशिश कर रहा हूँ। इसमें मैं पार्टी और मोदी जी की मदद हर तरीके से मदद करुंगा। क्या आप अपने आप को कभी पीएम के बारे में सोचते हैं, इस पर उन्होंने कहा कि इसके बारे में मेरी पार्टी सोचती है। 

उन्होंने कहा कि धारा 370, एनआरसी, राम मंदिर या नागरिकता संशोधन जैसे सभी कानून कांग्रेस के दौर के हैं और पिछले 70 साल से देश इनको लागू करने का इंतजार कर रहा था। हम जल्दी नहीं कर रहे हैं। उन्होंने यह भी साफ़ किया कि अभी तो कोई चुनाव नहीं है तो आप इसे राजनीति का नाम भी नहीं दे सकते हैं। हम सिर्फ सालों से चली आ रही देश की समस्याओं समाधान कर रहे हैं। हम देश को आगे बढ़ाना चाहते हैं।   

-देश की आर्थिक स्थिति में सुधार क्यों नहीं:
देश की आर्थिक स्थिति यानी GDP में निरंतर गिरावट को लेकर शाह से सवाल किया गया। उन्होंने जवाब में कहा कि भले की GDP ग्रोथ 4.5 फीसदी पर पहुंच गई है  परंतु यह स्थिति आगे ऐसी ही नहीं रहने वाली है। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 8 बड़े कदमों के बारे में जानकारी दी और यह भी बताया की इससे अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी। उनके अनुसार दुनियाभर में मंदी का दौर हैं जिसका असर भारत पर भी पड़ रहा हैं। चलिए जानते है की अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए सरकार कौन से 8 बड़े फैसले करने वाली हैं।  

  • कॉरपोरेट टैक्‍स में कटौती  
  • सरकारी कंपनियों में विनिवेश  
  • शहर-शहर में लोन मेला 
  • टास्‍क फोर्स का गठन
  • रियल एस्‍टेट के लिए बूस्‍टर डोज
  • बैंकों का विलय
  • निर्यात बढ़ाने पर जोर
  •  मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन 

सरकार को उम्मीद है कि इन बड़े कदमों से जल्द ही भारत  अर्थव्यवस्था में सुधार आ जाएगा। 

-आगे कौन से होने वाले है बड़े फैसले: 
अमित शाह ने आगे की प्लानिंग को लेकर कुछ खुलासे किए हैं। उन्होंने यह साफ़ कर दिया हैं कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और भारत में ही समाहित होगा। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दोराय नहीं है कि कश्मीर भारत का है और सही समय आने पर सरकार इसका भी फैसला कर लेगी। उन्होंने आगे बताया कि अभी गृह विभाग को अभी CRPC और IPC का अमेंडमेंट करना है। देश की सीमाओं को सुरक्षित करना हैं। उन्होंने कहा कि देश को आगे बढ़ाकर 5 ट्रिलियन इकोनॉमी की ओर ले जाना है। उन्होंने पिछले कुछ सालों का हिसाब देते हुए कहा कि  2014 से 2019 तक सरकार ने हर घर में गैस, शौचालय और बिजली पंहुचा दी हैं। अब 2024 तक वह भारत के हर घर में पानी भी पहुंचाना चाहते हैं। साथ ही 70 साल में जो भी काम नहीं हो पाया है वह हर काम अब जल्द से जल्द खत्म किया जाएगा।