Six Congress MLAs resign in Manipur

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नयी दिल्ली. कृषि विधेयकों के मुद्दे पर और मुखर होते हुए कांग्रेस ने सोमवार को राष्ट्रव्यापी जनआंदोलन की घोषणा की, जिसमें विरोध मार्च, धरना-प्रदर्शन के साथ ही इन विधेयकों के खिलाफ किसानों और गरीब लोगों के दो करोड़ हस्ताक्षर जुटाना शामिल है। इसके बाद राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।

कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद 24 अकबर रोड स्थित पार्टी मुख्यालय में हुई पहली बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें कांग्रेस महासचिवों के अलावा राज्यों के प्रभारी भी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान तीनों कृषि विधेयकों के विरोध का प्रस्ताव भी पारित किया गया।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देशों पर यह बैठक की गई। संगठन एवं संचालन कार्यों को लेकर सोनिया गांधी की सहायता करने वाली विशेष समिति के सदस्यों ने बैठक की निगरानी की। कांग्रेस नेता एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और रणदीप सिंह सुरजेवाला इस विशेष समिति के सदस्य हैं।

अधिकतर नेता बैठक में शारीरिक रूप से उपस्थित रहे जबकि कुछ नेता जैसे प्रियंका गांधी वाद्रा और जितिन प्रसाद वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए। बैठक के बाद प्रेसवार्ता में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि पार्टी कृषि विधेयकों के मुद्दे को ना केवल राज्य स्तर पर लोगों के बीच उठाएगी बल्कि इसे जिला एवं गांव स्तर तक ले जाया जाएगा।

इस दौरान, एंटनी, पटेल और सुरजेवाला की मौजूदगी में वेणुगोपाल ने कहा, ” हमनें देश के राजनीतिक हालात पर चर्चा की, विशेषकर किसानों के विरोध को लेकर चर्चा की गई। जिस तरह से भारत सरकार संसद में किसान विरोधी कानूनों को पारित कर रही है, वह देश की जनता को पूरी तरह अस्वीकार्य है।”

वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी विपक्ष के खिलाफ आरोप लगाकर ”देश को गुमराह” कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कृषि विधेयकों के खिलाफ देशभर में श्रृंखलाबद्ध तरीके से प्रेसवार्ता भी आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता अपने-अपने राज्यों में रैली निकालेंगे और संबंधित राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपेंगे।

इस दौरान, कांग्रेस ने कृषि विधेयकों के संबंध में शिरोमणि अकाली दल पर ”दोहरी नीति” अपनाने का आरोप लगाते हुए पूछा कि वे सत्तारूढ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग क्यों नहीं हो रहे हैं? कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल संसद में पारित किए गए कृषि विधेयकों को किसान विरोधी करार दे रहे हैं। (एजेंसी)