महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मृत्यु दर, देश की औसत सकारात्मकता दर 8.4 प्रतिशत 

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नई दिल्ली: भारत (India) में कोरोना वायरस (Corona Virus) ने विकराल रूप धारण कर लिया है. रोजाना नए मामले रिकॉर्ड बनाते जारहे हैं. मंगलवार को इसी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया. स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के सचिव राजेश भूषण (Rajesh Bhushan) ने कहा, “देश में कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु के शीर्ष 5 राज्यों में महाराष्ट्र औसत दैनिक मृत्यु में शीर्ष पर है, मौजूदा समय देश में कोरोना सकारात्मकता दर 8.4 प्रतिशत है.”

14 राज्यों 5000 से भी कम मामले 
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “भारत में 14 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश हैं जहाँ कुल सक्रिय मामले 5000 से कम हैं. 18 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश हैं, जहां कुल सक्रिय मामले 5000-50,000 के बीच होते हैं.”

परिक्षण में तीन टिके
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) के महानिदेशक प्रो. डॉ. बलराम भार्गव ने कहा, “भारत में नैदानिक ​​परीक्षण चरण में 3 टीके. कैडिला और भारत बायोटेक ने चरण- I का परीक्षण पूरा कर लिया है. सीरम संस्थान ने चरण II-B3 परीक्षण पूरा कर लिया है, और तीसरे चरण का परीक्षण (14 स्थानों पर 1500 रोगियों के साथ) सरकार से मंजूरी के बाद शुरू होगा.”

प्लाज्मा थेरेपी पर अध्ययन शुरू 
बलराम भार्गव ने कहा, “प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Therapy) का उपयोग 100 वर्षों से अधिक समय से किसी न किसी रूप में किया जाता है और विभिन्न वायरस संक्रमणों के लिए किया जाता है. इसका उपयोग #COVID-19 में किया जा रहा है. यह मदद करता है या नहीं इसका अध्ययन किया जा रहा है.”

उन्होंने कहा, “यह अभी भी सहकर्मी की समीक्षा के दौर से गुजर रहा है. एक बार जब सहकर्मी की समीक्षा हो जाती है और हमें इसका पूरा प्रकाशन मिल जाता है, तो इस आंकड़े पर फिर से राष्ट्रीय कार्य बल और स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त निगरानी समूह द्वारा विचार किया जाएगा, फिर एक निर्णय लिया जाएगा यदि हमें इसे जारी रखना चाहिए.”

मृत्यु दर रोकने में कारगार है या नहीं इसको लेकर परिक्षण 
भार्गव ने आगे कहा, “भारत (India) ने 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 25 जिलों में 39 अस्पतालों में 464 रोगियों पर यादृच्छिक परीक्षण में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगदान दिया है और यह दिखाया है कि यह मृत्यु दर को कम नहीं करता है या मध्यम से गंभीर बीमारी को रोकता है.”

देश में ऑक्सीजन की कमी नहीं
राजेश भूषण ने कहा, “कोरोना समय में ऑक्सीजन के उत्पादन की आज की क्षमता 6,900 मीट्रिक टन से थोड़ी अधिक है. ऑक्सीजन की कमी नहीं है.” उन्होंने कहा, “समस्या तब होती है जब आपके पास इन्वेंट्री प्रबंधन नहीं होने पर सुविधा-स्तर पर होता है. प्रत्येक राज्य को उचित इन्वेंट्री प्रबंधन सुनिश्चित करने की आवश्यकता है ताकि समय पर ऑक्सीजन को फिर से भरा जा सके.”

अमेरिका और यूरोप में कोरोना की दूसरी लहर 
आईसीएमआर महानिदेशक ने कहा,”अमेरिका और यूरोप में महामारी पहले अपने शिखर पर थी, फिर वे नीचे आ गए, वहाँ अब दूसरी लहर है. हमने उससे सीख ली. हमने समय को इस तरह से वितरित किया कि हमारी कई मौतें नहीं हुईं. ऐसा इसलिए था क्योंकि हमारे पास एक प्रभावी लॉकडाउन था. हमें उससे ज्यादा बड़ी हानी नहीं हुई.