नई दिल्ली: देश में कोरोना की स्थिति की जानकारी देने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। जिसमें जानकारी देते हुए संयुक्त स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि, “देश में कोरोना के कुल मामलों में से 85 प्रतिशत मामले 10 राज्यों से हैं। वहीं तमिलनाडु में बढ़ रहे मामलों के वजह से हालात बेहद चिंताजनक बन रहे हैं।
11 राज्यों में 1 लाख से अधिक सक्रिय मामले
मंत्रालय ने कहा कि, “11 राज्यों में 1 लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं, 8 राज्यों में 50,000 से 1 लाख सक्रिय मामले हैं, और 17 में 50,000 से कम मामले हैं। महाराष्ट्र, यूपी, गुजरात और छत्तीसगढ़ जहां अधिक संख्या में मामले सामने आ रहे हैं, वहां भी सक्रिय मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है।”
मंत्रालय ने आगे कहा, “चिंता का कारण तमिलनाडु है जहां पिछले एक सप्ताह में सक्रिय मामलों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। इसी के साथ 24 राज्यों में संक्रमण दर 15 प्रतिशत से अधिक है।”
The cause of concern is Tamil Nadu where a rise in number of active cases has been reported in last one week: Lav Aggarwal, Joint Secretary, Union Health Ministry
— ANI (@ANI) May 15, 2021
पॉजिटिविटी रेट गिरकर 19.8 प्रतिशत
अग्रवाल ने कहा, “हमारे रोकथाम के प्रयास काम कर रहे हैं। भारत में समग्र सकारात्मकता दर, जो पिछले सप्ताह 21.9% थी, अब गिरकर 19.8% हो गई है। दिल्ली, छत्तीसगढ़, दमन और दीव, हरियाणा और मध्य प्रदेश ने सकारात्मकता के मामले में बड़ी गिरावट दर्ज की है।”
हर महीने 10 करोड़ कोवैक्सीन निर्माण का लक्ष्य
नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा, “वर्तमान में प्रति माह कोवैक्सिन की लगभग 1.5 करोड़ खुराक का उत्पादन किया जा रहा है। प्रति माह उत्पादन को 10 करोड़ खुराक तक बढ़ाने की योजना है।”
89 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों को लगी पहली डोज
स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर को टीके लगने पर पॉल ने जानकारी देते हुए कहा, “राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य कर्मियों के बीच एकल खुराक टीकाकरण कवरेज 89% है। यह राजस्थान में 95%, मध्य प्रदेश में 96% और छत्तीसगढ़ में 99% है। दिल्ली में, यह 78% है, जो राष्ट्रीय औसत से 11% कम है। इसे 95% से ऊपर ले जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “देश में फ्रंटलाइन वर्कर्स के बीच कुल मिलाकर सिंगल-डोज़ टीकाकरण कवरेज 82% है। यह गुजरात में 93%, राजस्थान में 91% और मध्य प्रदेश में 90% है – राष्ट्रीय औसत से काफी ऊपर। दिल्ली में, यह 80% पर है।”